मुख्यमंत्री मान ने धुरी से ‘सरकार तुझे द्वार’ कार्यक्रम की शुरुआत की

मुख्यमंत्री मान ने धुरी से ‘सरकार तुझे द्वार’ कार्यक्रम की शुरुआत की

धुरी विधानसभा क्षेत्र से ‘सरकार तुहाड़े द्वार’ नामक अपनी प्रमुख जनहितैषी पहल की शुरुआत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह कदम लोगों के दरवाजे पर नागरिक केंद्रित सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करके पूरी शासन प्रणाली में और क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

अपनी तरह की पहली पहल के दौरान सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह एक क्रांतिकारी पहल है जिसका उद्देश्य नौकरशाही को सीधे तौर पर लोगों के प्रति जवाबदेह बनाना है, जिससे उन्हें सशक्त बनाया जा सके।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम शासन को लोगों के दरवाजे तक लाएगा और उन्हें वास्तविक अर्थों में सशक्त करेगा। उन्होंने कहा कि यह कदम मानव संसाधन के इष्टतम उपयोग के साथ-साथ विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों के समय पर कार्यान्वयन को सुनिश्चित करके गेम चेंजर साबित होगा। भगवंत मान ने कहा कि इस जनसमर्थक कदम से लोगों को अत्यधिक लाभ होगा क्योंकि उन्हें सरकारी कार्यालयों में सेवाएं प्राप्त करने के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धुरी को राज्य भर में मॉडल निर्वाचन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा क्योंकि इस भूमि से अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल और अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ एक नए युग की शुरुआत होगी। भगवंत मान ने कहा कि धुरी चीनी मिल की समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा और किसानों के हितों की हर तरह से रक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि हर कीमत पर लोगों और राज्य की भलाई सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बहुमूल्य स्त्रोतों के तटबन्धों के सुदृढ़ीकरण से घग्घर जैसे प्राकृतिक जल स्त्रोत का पुनरुद्धार होगा। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि इन जल स्त्रोतों की समय से गाद निकालने और सफाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि नहर और सतही जल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सके। भगवंत मान ने कहा कि यह सुनिश्चित करना समय की मांग है कि भूजल स्तर को और कम होने से रोका जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भूजल को बचाने के लिए नहरी पानी के अधिकतम उपयोग के लिए बड़े कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पंजाब अपने नहर के पानी का केवल 33% -34% उपयोग कर रहा है और आने वाले दिनों में इसे बढ़ाया जाएगा। भगवंत मान ने कल्पना की कि यदि पंजाब पहले चरण में नहर के पानी के उपयोग को 60 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है तो कुल 14 लाख में से लगभग चार लाख नलकूपों को रोका जा सकता है जिससे पानी की बचत हो सकेगी।