वाइस चांसलर कॉन्क्लेव में वर्चुअली जुटे 12 हिमालयी राज्यों के विश्वविद्यालयों के कुलपति

वाइस चांसलर कॉन्क्लेव में वर्चुअली जुटे 12 हिमालयी राज्यों के विश्वविद्यालयों के कुलपति

देहरादून: 'देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल-2021' के अंतर्गत हिमालयन वाइस चांसलर कॉन्क्लेव 2021 का आयोजन उत्तराखंड विज्ञान एवं तकनीकी परिषद (यूकोस्ट) के विज्ञान धाम परिसर झाझरा में किया गया। कॉन्कलेव में हिमालयी क्षेत्र के सभी 13 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों; जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल के  लगभग 30 से ज्यादा विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय उत्तराखंड के कुलपति प्रो. पी.पी. ध्यानी ने उद्बोधन से किया। इस वाइस चांसलर कॉन्कलेव -2021 में प्रो. एस.पी. सिंह, पूर्व कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर (गढ़वाल), प्रो. अजीत कर्नाटक, कुलपति उत्तराखंड यूनिवर्सिटी ऑफ हॉल्टीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, प्रो. सुनील राय, कुलपति यू.पी.ई.एस. यूनिवर्सिटी देहरादून, प्रो. नागराजा, कुलपति ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी देहरादून, डॉ. राजेन्द्र डोभाल, महानिदेशक यूकोस्ट उत्तराखंड, प्रो. वी.के. कटियार, डीन पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार के साथ अन्य गणमान्य विद्वानों व शिक्षाविदों ने अपने विचार व सुझाव साझा किए और हिमालयी परिक्षेत्र के अनेकों विषयों पर विचार विमर्श किया, और हिमालय परिक्षेत्र से संबंधित समस्याएं और उनके समाधान प्रस्तुत किए।

वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि हिमालय को संरक्षण करने का मतलब सिर्फ पहाड़ों को बचाना ही नहीं यहां के मूल निवासियों यहां की परंपराओं और का यहाँ के पारम्परिक ज्ञान का भी संरक्षण जरूरी है। उत्तराखंड में वीर चन्द्र सिंह गढवाली यूनिवर्सिटी, जीबी पंत एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हैं इनका इस्तेमाल यहाँ की बागवानी और पारम्परिक ज्ञान को संरक्षित करने के लिए हो सकता है। इसके अलावा अधिकांश हिमालयी राज्यों की सीमा चीन से मिलती है इसलिए कोशिश की जाय कि सीमांत ग्रामीणों का अर्थिक रूप से, टेक्नोलॉजी से, सुविधाओं के लिहाज से सशक्तिकरण किया जाए  जिससे पलायन को रोका जा सके।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. अमित अग्रवाल, टनकपुर इंजीनियरिंग कॉलेज उत्तराखंड ने किया। कार्यक्रम का संयोजन वरिष्ठ पत्रकार श्री कुंवर राज अस्थाना, दिव्य हिमगिरी, प्रो. अनुज शर्मा हिमालयीय विश्वविद्यालय, प्रो. नवीन सिंघल, डी.आई.टी. विश्वविद्यालय और प्रो. जे.सी. पाटनी, यू.पी.ई.एस. के द्वारा किया गया।