गैर-BJP दलों को जोड़ रहा है दिल्ली के लिए जारी केंद्र सरकार का अध्यादेश

गैर-BJP दलों को जोड़ रहा है दिल्ली के लिए जारी केंद्र सरकार का अध्यादेश

भले ही कांग्रेस ने दिल्ली में सेवाओं पर अधिकार के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश के मुद्दे पर अब तक अपना रुख साफ़ नहीं किया है, लेकिन यह मुद्दा भारतीय जनता पार्टी (BJP) का मुकाबला करने के लिए बेहद तेज़ गति से गैर-BJP दलों को जोड़ने वाले मुद्दे के तौर पर उभर रहा है. समर्थन जुटाने की कोशिशों में व्यस्त आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) गुरुवार और शुक्रवार को भी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की तैयारी में लगे हुए हैं. गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल पिछले कुछ दिनों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), तृणमूल कांग्रेस (TMC), भारत राष्ट्र समिति (BRS), शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (SSUBT) के नेताओं से मुलाकात के बाद कई पार्टियों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल अब तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, SSUBT प्रमुख उद्धव ठाकरे, NCP प्रमुख शरद पवार और CPM नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात कर चुके हैं, ताकि संसद में, खासतौर से राज्यसभा में, इस विधेयक को नाकाम करने की खातिर समर्थन जुटाया जा सके।

यह विधेयक, जिसके लिए संविधान में संशोधन की ज़रूरत होगी, दिल्ली सरकार के अंतर्गत सिविल सेवा अधिकारियों की तैनाती और तबादलों के अधिकार को लेकर केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा, और अगर इसे राज्यसभा में शिकस्त देनी है, तो कांग्रेस का समर्थन बेहद अहम होगा।