सत्यपाल मलिक के घर पर पहुँची सीबीआई, राहुल गांधी बोले- ये है मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी?

सत्यपाल मलिक के घर पर पहुँची सीबीआई, राहुल गांधी बोले- ये है मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी?

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर और 29 अन्य जगहों पर सीबीआई ने गुरुवार को छापेमारी की है.

सत्यपाल मलिक के संबंधी अनु मलिक ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बागपत वाले ठिकाने पर छापेमारी होने की पुष्टि की है.

उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मामला क्या है. सीबीआई की सात सदस्यीय टीम यहां आई थी. उन्होंने 3 - 4 घंटे तक हवेली की तलाशी ली."

अनु मलिक ने बताया है कि सीबीआई की टीम ने हवेली की जांच करने के साथ-साथ सत्यपाल मलिक के हिस्से में आने वाले कमरे की तलाशी ली.

ये ख़बर आने के बाद से इस पर प्रतिक्रियाएं आना जारी है. कांग्रेस पार्टी के नेता गौरव गोगोई ने इसे असंतोष की आवाज़ों को दबाने वाला कदम बताया है.

कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया?

कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्वीट किया है.

उन्होंने लिखा है - "किसान MSP मांगें, तो उन्हें गोली मारो - ये है मदर ऑफ डेमोक्रेसी? जवान नियुक्ति मांगें, तो उनकी बातें तक सुनने से इनकार कर दो - ये है मदर ऑफ डेमोक्रेसी? पूर्व गवर्नर सच बोलें, तो उनके घर CBI भेज दो - ये है मदर ऑफ डेमोक्रेसी? सबसे प्रमुख विपक्षी दल का बैंक अकाउंट फ्रिज़ कर दो- ये है मदर ऑफ डेमोक्रेसी?"

"धारा 144, इंटरनेट बैन, नुकीली तारें, आंसू गैस के गोले - ये है मदर ऑफ डेमोक्रेसी? मीडिया हो या सोशल मीडिया, सच की हर आवाज़ को दबा देना - ये है मदर ऑफ डेमोक्रेसी? मोदी जी, जनता जानती है कि आपने लोकतंत्र की हत्या की है और जनता जवाब देगी!"

वहीं कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता गौरव गोगोई ने अपने अकाउंट पर लिखा है - "पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसरों पर छापेमारी का मतलब असंतोष की आवाज़ को खामोश करना और भारतीय किसानों के गुस्से से ध्यान भटकाना है. इसका जवाब संगठित होकर ही दिया जा सकता है."

आख़िर क्या है मामला?

सीबीआई ने इस मामले में पहले जानकारी दी थी कि "साल 2019 में 2,200 करोड़ रुपये के किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट एक प्राइवेट कंपनी को देने के दौरान कथित धांधली के आरोपों के बाद केस दर्ज किया गया है."

सीबीआई ने इस मामले में चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी और एमएस बाबू, एमके मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा के अलावा पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था.

सीबीआई ने जनवरी में भी इस केस से संबंधित पांच लोगों के ठिकानों पर छानबीन की थी.

अक्टूबर 2022 में सीबीआई को सत्यपाल मलिक ने पूछताछ के लिए बुलाया था. इसके बाद अप्रैल 2023 में भी मलिक को सीबीआई ने नोटिस भेजा था.

ये नोटिस उन्हें जम्मू-कश्मीर में हुए कथित रिलायंस इंश्योरेंस घोटाला मामले में कुछ सवालों के जवाब जानने के लिए दिया गया.

हालांकि इस कथित घोटाले को खुद सत्यपाल मलिक ही सामने लाए थे.

23 मार्च 2022 को जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सेक्रेटरी डॉ. मोहम्मद उस्मान खान ने सीबीआई को जांच करने के लिए पत्र लिखा था.

पत्र में उन्होंने लिखा, "रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड को जम्मू-कश्मीर में सरकारी कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने और एक निजी फर्म को किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के सिविल कार्यों के संबंध में ठेका देने में अनियमितता के आरोप लगे थे."

"इन मामलों में वित्त विभाग, बिजली विकास विभाग और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से रिपोर्ट मांगी गई थी. इन रिपोर्टों पर विचार करने के बाद इन मामलों को जांच के लिए सीबीआई को भेजने का फैसला लिया है. सीबीआई से इन मामलों की जांच करने का अनुरोध किया जाता है."

पुलवामा हमले की बात कर चर्चा में आए थे मलिक

सत्यपाल मलिक ने बीते साल अप्रैल-मई महीने में कई मीडिया संस्थानों को इंटरव्यू दिया था.

इन इंटरव्यू में मलिक ने पुलवामा हमले को लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे.

बीबीसी से बातचीत में भी सत्यपाल मलिक ने कहा था, "पुलवामा जिस दिन हुआ, मैंने पहले दिन ये बात उठाई, मुझे कहा गया कि आप चुप हो जाइए. फिर मुझे पता चला कि ये उसी दिशा में ले जा रहे हैं. पाकिस्तान की तरफ़. उस वक़्त इनका विरोध करना एक ख़तरनाक काम था, क्योंकि फिर देशद्रोही क़रार दे दिए जाते. जब किसान आंदोलन के वक़्त भी मुझे दिखा कि ये लोग किसानों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं, तभी मैंने मुद्दा उठा दिया था."

सत्यपाल मलिक ने करण थापर को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि पीएम नरेंद्र मोदी को भ्रष्टाचार से कोई ख़ास दिक़्क़त नहीं है.

लेकिन मेघालय के गवर्नर रहते हुए उन्होंने राजस्थान में एक भाषण दिया था. इस भाषण में उन्होंने अपने कश्मीर के कार्यकाल की एक बात का ज़िक्र किया.

उन्होंने बताया था कि कश्मीर में उनके पास दो फ़ाइलें आई थीं. एक प्रोजेक्ट से आरएसएस के एक बड़े व्यक्ति जुड़े थे और एक प्रोजेक्ट से उद्योगपति मुकेश अंबानी.

इन विभागों के सचिवों ने उन्हें जानकारी दी कि इन प्रोजेक्ट्स में घपला है. इसके बाद सत्यपाल मलिक ने इन प्रोजेक्ट्स को कैंसिल कर दिया.