मुझे 11 अगस्त 2023 को संसद से निलंबित कर दिया गया था, आज 115 दिनों बाद मेरा निलंबन वापस हुआ- राघव चड्ढा

मुझे 11 अगस्त 2023 को संसद से निलंबित कर दिया गया था, आज 115 दिनों बाद मेरा निलंबन वापस हुआ- राघव चड्ढा

देश के लोगों को एक बार फिर आम आदमी पार्टी के युवा नेता एंव पंजाब से राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा की मजबूत आवाज संसद के अंदर सुनने को मिलेगी। 115 दिनों बाद सोमवार को संसद में एक प्रस्ताव लाकर उनका निलंबन रद्द कर दिया। निलंबन रद्द होने के बाद राघव चड्ढा संसद पहुंचे और ट्वीट कर कहा कि मैंने आज संसद परिसर में महात्मा गांधी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

बापू का जीवन हमें सिखाता है कि चुनौती कितनी भी कठिन क्यों न हो, सत्य की हमेशा जीत होती है। उन्होंने कहा कि 11 अगस्त 2023 को मुझे संसद से निलंबित कर दिया गया था। अपना निलंबन रद्द कराने के लिए मुझे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मेरा निलंबन समाप्त हुआ है। इसके लिए सांसद राघव चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट और देश की जनता का धन्यवाद किया है।
 
संसद से निलंबन रद्द होने के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने बयान जारी कर कहा कि 11 अगस्त 2023 को मुझे भारतीय संसद (राज्यसभा) से निलंबित किया गया था। अपने निलंबन को समाप्त कराने और दोबारा सदन के अंदर जाकर देश की आम जनता की आवाज उठाने के लिए मुझे न्याय के मंदिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने मेरी याचिका का संज्ञान लिया और उसमें हस्तक्षेप किया। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मेरा निलंबन समाप्त हो गया है। आज संसद के अंदर एक प्रस्ताव लाकर मेरा निलंबन खत्म कर दिया गया है। 

सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि मुझे करीब 115 दिनों तक निलंबित रखा गया और मैं इन 115 दिनों तक संसद के अंदर जाकर देश की आम जनता की आवाज नहीं उठा सका, जनता के हक का सवाल सरकार से नहीं पूछ सका और देश की जनता सरकार से जो जवाब चाहती थी, वो जवाब नहीं ला सका। मुझे खुशी है कि 115 दिन बाद ही सही, मेरा निलंबन आज समाप्त हो गई है। इसके लिए मैं हाथ जोड़कर सुप्रीम कोर्ट और राज्यसभा के चेयरमैन का बहुत-बहुत शुक्रिया यदा करता हूं। 

सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि मेरे 115 दिनों के निलंबन के दौरान देश के लोगों का मुझे बहुत आशीर्वाद और दुआएं मिलीं। लोगों ने मुझे फोन, ईमेल और संदेश भेजकर मुझे बहुत प्यार, आशीर्वाद दिया, मुझे डटे रहने, लड़ाई लड़ने और इन लोगों से मुकाबला करने की हिम्मत दी। मैं जनता से मिले प्यार, आशीर्वाद के लिए तहे दिल से सबका धन्यवाद करता हूं। मैं अंत में अपील करते हुए कहना चाहता हूं, ‘दुआ करो कि सलामत रहे हिम्मत हमारी, ये एक चिराग कई आंधियों पर भारी है।’