ताजा हिंसा के बाद मणिपुर में पांच दिनों के लिए इंटरनेट बंद

ताजा हिंसा के बाद मणिपुर में पांच दिनों के लिए इंटरनेट बंद

अधिकारियों ने बताया कि अवैध अप्रवासियों के प्रतिरोध और मेइती को अनुसूचित जनजातियों में शामिल करने के उच्च न्यायालय के निर्देश के मद्देनजर वनों की रक्षा के कदम पर तनाव के बीच राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।

मणिपुर सरकार ने एक बयान जारी कर कहा, "युवाओं और विभिन्न समुदायों के स्वयंसेवकों के बीच लड़ाई की घटनाओं के बीच मणिपुर में पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं, क्योंकि सभी जनजातीय छात्र संघ (एटीएसयू) मणिपुर द्वारा एसटी श्रेणी में मेइतेई/मीतेई को शामिल किए जाने की मांग के विरोध में एक रैली का आयोजन किया गया था।

बयान के अनुसार, कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा छवियों, अभद्र भाषा और अभद्र वीडियो संदेशों के प्रसारण के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का उपयोग करने के प्रकाश में निलंबन आता है।

इससे पहले बुधवार को मणिपुर के हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर में जिला प्रशासन ने पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया। 

चुराचांदपुर जिला प्रशासन ने बुधवार को बयान जारी कर अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से टोटल जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही है। 

जहां तक मौजूदा हालात की बात है तो राज्य में दो मुद्दों ने यह स्थिति पैदा की है। जंगल की रक्षा के लिए सीएम बीरेन सिंह के कदम को अवैध प्रवासियों और ड्रग कार्टेलों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, मणिपुर उच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य सरकार को एसटी में मेइतेई को शामिल करने पर विचार करने के निर्देश दिए हैं, जिससे आदिवासी समुदाय, जो एसटी हैं, से नाराज हो गए हैं।