पंजाब की सेहत क्रांति से भाजपा परेशान, केंद्र सरकार का तुग़लक़ी फ़रमान, पंजाब को बदनाम करने की साज़िश

पंजाब की सेहत क्रांति से भाजपा परेशान, केंद्र सरकार का तुग़लक़ी फ़रमान, पंजाब को बदनाम करने की साज़िश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के बयान को पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने झूठा और बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की स्वास्थ्य क्रांति से केंद्र की भाजपा सरकार डर गई है। इसीलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पंजाब की स्वास्थ्य व्यवस्था पर झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

बुधवार को पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के सामने स्वास्थ्य मंत्री ने तथ्यों को पेश किया और केंद्र सरकार पर जानबूझकर कम पैसा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के लिए केंद्र सरकार को 60% पैसे देने होते हैं और राज्यों को 40% लगाने होते हैं। इसके लिए कुल 1114 करोड़ में से केंद्र को 668 करोड़ देने थे, लेकिन केंद्र सरकार ने मात्र 438 करोड़ दिए। वहीं पंजाब सरकार को 445 करोड़ रुपए खर्च करने थे लेकिन 618 करोड़ खर्च किए। मतलब केंद्र सरकार ने 40% से भी कम पैसे दिए और हमने 60% से ज्यादा खर्च किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को इसका जवाब देना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब की स्वास्थ्य व्यवस्था देश में नंबर वन है। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में 'आप' सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहतर हुई है।  

पिछली सरकारों के दौरान स्वास्थ्य केंद्रों में न ठीक से डॉक्टर थे, न दवाइयां मिलती थी और न ही जांच होती थी। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में घोटाले भी बहुत होते थे। पिछली सरकार के दौरान सैनिटाइजर और मास्क घोटाला हुआ, जिसमें करोड़ों रुपए का सरकार का चूना लगा। वहीं, आप सरकार बनने के बाद आम आदमी क्लीनिक में नियमित रूप से डॉक्टर बैठ रहे हैं। फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन मौजूद हैं। मरीजों के इलाज अच्छे से हो रहे हैं। दवाइयां मिल रही है और 40 से ज्यादा तरह की जांच हो रही है। ओपीडी की संख्या भी अब पहले के मुकाबले करीब चार गुना बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जब आम आदमी क्लीनिक में कमी निकालने का कोई मुद्दा नहीं मिला तो वह इसके ब्रांडिंग पर सवाल उठा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री ने पिछली सरकारों का उदाहरण दिया और कहा कि कैप्टन सरकार के समय में 'आयुष बीमा योजना' की ब्रांडिंग कैप्टन का नाम और उनकी तस्वीर लगाकर की गई थी। वहीं, बादल सरकार में साइकिल की टोकरी से लेकर साइकिल के चेनकवर और घंटी तक में प्रकाश सिंह बादल की फोटो लगी हुई थी। उस समय केंद्र को क्यों नहीं ऐतराज हुआ? उस समय तो पीएचसी भी जर्जर हालत में हुआ करती थी, तब फंड रोकने की बात क्यों नहीं की गई?

उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को चुनौती दी कि पंजाब और भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश, दोनों राज्यों में केंद्रीय टीम भेजें और स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच कराएं। सच का पता चल जाएगा कि यूपी से पंजाब की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी बेहतर है। उन्होंने कहा कि देशभर में पंजाब इकलौता ऐसा राज्य है जहां टारगेट से ज्यादा पीएचसी सेंटर काम कर रहे हैं। बाकी राज्यों में तो ताले लटके हुए हैं या डॉक्टरों की भारी कमी है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मोहल्ला क्लिनिक बहुत अच्छे से काम कर रहा है और लोग इसकी सुविधाओं से काफी खुश है। आने वाले दिनों में हम पंजाब में फरिश्ता योजना लॉन्च करेंगे। इसके तहत अगर किसी व्यक्ति का दुर्भाग्यवश सड़क एक्सीडेंट होता है तो कोई भी व्यक्ति उसे नजदीकी अस्पताल में पहुंचा सकता है। इलाज का सारा खर्च पंजाब सरकार उठाएगी।

इसके अलावा पंजाब के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं शुरू होंगे। इसके लिए एक हजार से ज्यादा हाउस सर्जन और स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्त करेंगे। ये डॉक्टर अनुपस्थित डॉक्टर के बदले भी सेवाएं देंगे ताकि लोगों को 24 घंटे इमरजेंसी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके।