तारीख बदली, साल बदला लेकिन अंकिता को न्याय अब तक नहीं मिला

तारीख बदली, साल बदला लेकिन अंकिता को न्याय अब तक नहीं मिला
तारीख बदली, साल बदला लेकिन अंकिता को न्याय अब तक नहीं मिला

देहरादून: उत्तराखंड को झकझोरकर रख देने वाले पौड़ी की बेटी अंकिता हत्याकांड को एक साल बीत गया। आज ही के दिए एक साल पहले अपने माता-पिता का सहारा बनने निकली उत्तराखंड की एक स्वाभिमानी बेटी को सत्ता और दौलत के नशे में अंधे अमीरजादों ने मौत के घाट उतार दिया था। सिर्फ तारीख बदली, साल बदला लेकिन न्याय नहीं हुआ। अंकिता के मता-पिता और भाई-बहनों की आंख के आंसू नहीं सूखे। न्याय की आस में आज भी अंकिता के माता-पिता दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। अपनी लाडली के लिए न्याय मांग रहे हैं, लेकिन अभी न्याय दूर की कौड़ी ही लग रहा है। साल भर पहले अंकिता को उसी के रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों ने नहर में धक्का देकर मौत के घाट उतारा था। 
इस मामले की सरकार के आदेश से फास्ट ट्रैक अदालत में सुनाई शुरू हुई। पुलिस ने चार्जशीट में 97 गवाह बनाए थे। इनमे से अब तक 19 गवाहों की गवाही कोर्ट में हो चुकी है। इस मामले में एक वीआईपी का नाम भी सामने आया था लेकिन अब तक उसके नाम का खुलासा भी नहीं हो सका है।