नए जिला विकास प्राधिकरण समाप्त, 2016 से पहले की व्यवस्था लागू

नए  जिला विकास प्राधिकरण समाप्त, 2016 से पहले की व्यवस्था लागू
नए जिला विकास प्राधिकरण समाप्त, 2016 से पहले की व्यवस्था लागू

देहरादून: खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में मुसीबत बन चुके जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त कर दिया गया है। बंशीधर भगत ने शहरी आवास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालते ही बड़ा निर्णय लिया है। इससे बड़ी राहत मिलेगी।वर्ष 2016 से प्रदेश में लागू जिला विकास प्राधिकरण की वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में घर बनाने से लेकर व्यावसायिक निर्माण मुश्किल हो गया था। लोग तभी से प्रदर्शन कर रहे थे। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे हटाने की घोषणा की थी। साथ ही बतौर प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर ने भी पूर्व सीएम के सामने मामले को प्रमुखता से रखा था। तब प्राधिकरण के हटने के आदेश नहीं हुए थे। 10 मार्च को नए सीएम बने तीरथ सिंह रावत ने भी मामले को गंभीरता से लिया। इसके लिए बंशीधर भगत की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी भी गठित कर ली गई थी। जैसे ही बंशीधर भगत ने शहरी आवास की जिम्मेदारी संभाली। सबसे पहले उन्होंने जिला प्राधिकरण की नई व्यवस्था को खत्म करने के आदेश जारी करवा दिए।
आवास मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि जिला विकास प्राधिकरण अव्यावहारिक होने के साथ ही खर्चीला भी साबित हो रहा था। इससे निश्चित रूप से पर्वतीय क्षेत्र के लोगो को लाभ मिलेगा। सरकार आम जनता की सुविधा और परेशानियों को देखते हुए जरुरी कदम उठा रही है। उनकी सरकार जनता के लिए है और उनका प्रयास हरेक व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान देखना चाहती है।