अकाली दल (संयुक्त) ने सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 में संशोधन का पुरजोर विरोध किया, आप–अकाली दल को बताया जिम्मेदार

अकाली दल (संयुक्त) ने सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 में संशोधन का पुरजोर विरोध किया, आप–अकाली दल को बताया जिम्मेदार

शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पर सचखंड श्री हरिमंदर साहिब से गुरबाणी के प्रसारण के संबंध में अनैतिक निर्णय लेने और सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 में गलत संशोधन करने का आरोप लगाया है।

परमिंदर सिंह ढींडसा ने इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार इस तरह के बेतुके फैसले लेकर सीधे तौर पर सिख मामलों में दखल दे रही है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर मान सरकार इस तरह के फैसले लेने से बाज नहीं आती है तो इससे आने वाली सरकारों के लिए भविष्य में भी सिख मामलों में दखल देने के दरवाजे जरूर खुलेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि मान सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के लिए सुखबीर सिंह बादल भी बराबर के जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्होंने सिर्फ एक चैनल को गुरबाणी प्रसारित करने के सारे अधिकार दिए हैं और यदि उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के सुझाव को माना होता तो,  एसजीपीसी के स्वतंत्र चैनल होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मान सरकार में सिख मामलों में दखल देने की हिम्मत नहीं होती।

उन्होंने कहा कि गुरबाणी प्रसारण पर केवल एक चैनल का एकाधिकार बनाए रखने में सुखबीर सिंह बादल की दिलचस्पी ने मान सरकार को सिख मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी है। एस. ढींडसा ने कहा कि इससे सिख समुदाय को भारी नुकसान हुआ है।

 उन्होंने कहा कि यह अभी शुरुआत है और अगर इसका विरोध नहीं किया गया तो सिख मामलों में आम आदमी पार्टी सरकार का दखल बढ़ता रहेगा।