दिल्ली हाईकोर्ट से सत्येंद्र जैन को फिर लगा झटका, जमानत याचिका खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट से सत्येंद्र जैन को फिर लगा झटका, जमानत याचिका खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येन्द्र जैन से जुड़े धन शोधन के एक मामले में सह-आरोपियों वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत अर्जियों पर शुक्रवार को ईडी से उसका रुख पूछा है। न्यायमूर्ति विकास महाजन ने मामले को 26 जून के लिए स्थगित करते हुए जमानत याचिकाओं पर नोटिस जारी किया और जांच एजेंसी से चल रही जांच पर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का कहा है।

आरोपी व्यक्तियों ने यह दावा करते हुए कि आरोपपत्र अधूरा है, पहले ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि उन्हें डिफॉल्ट जमानत दी जानी चाहिए। हालांकि, निचली अदालत ने 24 मई को अर्जी खारिज कर दी थी और कहा था कि अगर अदालत आरोपपत्र के आधार पर और उसके साथ दिए गए दस्तावेज के आधार पर अपने विवेकानुसार अपराध पर संज्ञान लेने में सक्षम है तो आरोपपत्र पूरा माना जाता है। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि दोनों आरोपी सत्येंद्र जैन के व्यापारिक सहयोगी थे और अपराध को अंजाम देने में मदद करने में भूमिका निभाई थी, जिसमें पूर्व मंत्री कथित रूप से उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन में शामिल थे।

जैन ने अदालत में दी गई अपनी जमानत याचिका में कहा, मैं 7 बार ईडी के सामने पेश हुआ और मैंने उसको सहयोग किया और जांच में भाग लिया बावजूद इसके मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. हाई कोर्ट में दायर याचिका पर जैन ने कहा, निचली अदालत ने उनके पक्ष को गंभीरता से नहीं सुना और उन पर लगाए गए आरोप पीएमएलए के तहत दंडनीय अपराध का कारण नहीं बननी चाहिए.  दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जैन की याचिका को रिजेक्ट करते हुए कहा था, आरोपी सत्येंद्र जैन ने जान बूझकर गलत तरीके से कमाए गए पैसे को खपाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का काम किया था।