महेश नेगी प्रकरण में सरकार पर हमलावर हुई 'आप'

महेश नेगी प्रकरण में सरकार पर हमलावर हुई 'आप'
महेश नेगी प्रकरण में सरकार पर हमलावर हुई 'आप'

देहरादून : सत्ताधारी पार्टी भाजपा के द्वाराहाट विधायक महेश नेगी पर एक महिला ने  लंबे समय से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. मामले पर अब आम आदमी पार्टी ने सरकार पर हमला बोला है. पार्टी ने कहा है कि महिला की एक बच्ची भी है और वो डीएनए कराने की मांग कर रही है. इस पूरे प्रकरण में बीजेपी विधायक महेश नेगी  उत्तराखंड पुलिस के सामने पेश होने से बच रहे हैं.  कभी बीवी के स्वास्थ्य का हवाला दे रहे तो कभी अपनी व्यस्तता का रोना रो रहे । वहीं यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पीड़िता  अब विधायक से अपनी और अपनी बच्ची की जान को खतरा बता रही है. पीड़िता ने उत्तराखंड पुलिस पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है.  साथ ही कहा कि पुलिस उसकी बात नहीं सुन रही है.  और एकपक्षिय कार्यवाही कर रही है ।ये एक गंभीर विषय है. आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी से पूछना चाहती है कि वे विधायक के खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं ले रही है ? भाजपा की चुप्पी को आखिर क्या समझा जाए? विधायक का पुलिस के सामने ना आना ,किस बात की ओर इशारा  करता है ?
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता रजिया बेग ने कहा, सुशासन का वादा करने वाली त्रिवेंद्र सरकार  जिस ‘बेटी बचाओ..’ की  बात करती थी, क्या वो सिर्फ जुमलों तक ही सीमित है? आखिर सरकार के मुखिया, अपनी ही पार्टी के विधायक को पुलिस के सामने आकर जांच में सहयोग करने के लिए क्यों नहीं कह रहे हैं ।  पीड़िता द्वारा अपनी बच्ची और अपने जान को खतरा के आशंका  पर उनके सुरक्षा के लिए सरकार और पुलिस क्या कर रही है । 
वहीं आप प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने कहा,जिस तरह से भाजपा विधायक महेश नेगी पुलिस के सामने पेश होने से बच रहे हैं, उससे यही लगता है कि वे किसी सेटिंग-गेटिंग में लगे हुए हैं. अगर वे बेदाग़ हैं तो सामनें आकर डीएनए टेस्ट करायें.  देवभूमि में मातृशक्ति का उत्पीड़न किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. और “विधायक पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं. लेकिन भाजपा और सरकार दोनों ही इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जिस से भाजपा की कथनी और करनी में फर्क समझा जा सकता है.” मुख्यमंत्री की पुलिस,कहीं किसी राजनैतिक दबाव में तो नहीं है।  अगर नहीं है तो विधायक के बयान जल्द से जल्द लेकर, पुलिस को जांच में तेजी लानी चाहिए और पीड़िता के परिवार को सुरक्षा की तत्काल व्यवस्था करें।