सीएम तीरथ की सियासी परीक्षा साबित होंगे सल्ट उपचुनाव!

सीएम तीरथ की सियासी परीक्षा साबित होंगे सल्ट उपचुनाव!
सीएम तीरथ की सियासी परीक्षा साबित होंगे सल्ट उपचुनाव!

देहरादून: चुनाव आयोग द्वारा मंगलवार को सल्ट विधानसभा उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित करते ही नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पहली सियासी परीक्षा भी होगी। सल्ट सीट पर भी 17 अप्रैल को उप चुनाव होना है। भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन से यह सीट रिक्त हुई है। इस उपचुनाव के करीब 10 माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यह भाजपा सरकार और संगठन दोनों की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है। इसे देखते हुए सरकार और संगठन कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे। साथ ही यह चुनाव नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कौशल की परीक्षा भी साबित होने जा रहा है।
सल्ट के नतीजे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और उनकी सरकार के कामकाज पर जनता की राय तो माने ही जाएंगे साथ ही आगे की रणनीति तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। माना जा रहा कि 18 व 19 मार्च को भाजपा की ओर से सल्ट में होने वाले जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिरकत कर सकते हैं। इसके साथ ही वह सल्ट विधानसभा क्षेत्र में निरंतर दौरे कर सकते हैं। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को भाजपा पहले ही इस उपचुनाव के लिए प्रभारी का दायित्व सौंप चुकी है।
विधानसभा की सल्ट सीट के उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही शोसल मीडिया में कयासबाजी शुरू हो गई है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सल्ट से उपचुनाव लड़ सकते हैं। इसे लेकर तरह-तरह के तर्क दिए जा रहे हैं। हालांकि, इस बात की संभावना कम ही है कि वह सल्ट से चुनाव लड़ें। माना जा रहा कि दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के परिवार के ही किसी सदस्य को पार्टी यहां से मैदान में उतार सकती है। जहां तक मुख्यमंत्री के चुनाव लडऩे का प्रश्न है तो वह गढ़वाल संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली किसी विधानसभा सीट को तवज्जो दे सकते हैं।