देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल का समापन, विजेताओं को दिए गए सम्मान

देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल का समापन, विजेताओं को दिए गए सम्मान
देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल का समापन, विजेताओं को दिए गए सम्मान

देहरादून: दिनांक 29 नवंबर 2021 को चार दिनों तक चले दूसरे 'देहरादून इंटरनेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी फेस्टिवल-2021' का समापन हो गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि  डा. कलाचंद सेन, निदेशक वाडिया इंस्टीट्यूट रहे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता यूकॉस्ट उत्तराखंड के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने की।श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय और उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी , डा. प्रकाश चौहान, निदेशक, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिग, प्रेम कश्यप, अध्यक्ष पीपीएसए, दिव्य हिमगिरि के संपादक और समारोह के आयोजन समिति के सचिव ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

  अपने संबोधन में डॉ राजेंद्र डोभाल ने कहा  जो लोग समाज के पिरामिड के सबसे निचले पायदान पर लोग हैं उनको भी उच्च स्तर की सुविधाएं मिल सकें इसके लिए साइंस और टेक्नोलॉजी का उपयोग होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों और युवाओं से कहा कि जीवन में लक्ष्य हासिल करने के लिए लोगों की बातों की अपेक्षा अपने काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

डा. प्रकाश चौहान, निदेशक, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिग ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के फेस्टिवल में बड़ी संख्या में शिक्षकों, युवाओं, विद्यार्थियों और आम जन का आना  उत्तराखंड में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रगतिशील वातावरण का परिचय देता है। युवाओं और विद्यार्थियों को ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने ग्रीन टेक्नोलॉजी पर  शोध करने को प्रोत्साहित किया।

श्रीदेव सुमन विवि और उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. पी.पी. ध्यानी ने  ने गढ़वाली के शब्द " लाग्या छां"  की व्याख्या करते हुए कहा कि सतत विकास की अवधारणा तभी सफल होगी जब हमारे युवा निरन्तर लगे रह कर परिश्रम करेंगे। उन्होंने आयोजन समिति की इसके लिए सराहना की कि हिमालय को संरक्षित रखने के लिए यहां के बौद्धिक संसाधनों मसलन अध्यापक, छात्र, वैज्ञानिक, शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित और सम्मानित भी किये जाने की शुरुआत की।

वाडिया हिमालयन इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. कलाचंद सेन ने हिमालय रीजन के संसाधनों और उनके अनुकूलतम उपयोग पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने हिमालयी क्षेत्र में आने वाले भूकंपों और उसके विज्ञान पर महत्वपूर्ण चर्चा भी की। समारोह में सभी विद्वान वक्ताओं ने उत्तराखंड में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इस तरह के आयोजन को सराहना की। 
कार्यक्रम का संयोजन वरिष्ठ पत्रकार श्री कुंवर राज अस्थाना, दिव्य हिमगिरी, प्रो. अनुज शर्मा हिमालयीय विश्वविद्यालय, प्रो. नवीन सिंघल, डी.आई.टी. विश्वविद्यालय और प्रो. जे.सी. पाटनी, यू.पी.ई.एस. के द्वारा किया गया।

हायर और स्कूल एजुकेशन के संस्थानों को मिला सम्मान
 कार्यक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाले 40 शिक्षण संस्थान हिमालयन एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2021 से सम्मानित किए गए। इसके अलावा पांच आईपीआर एक्सीलेंस अवार्ड भी दिए गए। इनमें मॉर्डन हाउस स्कूल देहरादून, सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल, वेल्हम बॉयज स्कूल देहरादून, हिम ज्योति स्कूल देहरादून, चितकारा यूनिवर्सिटी देहरादून, यूनिवर्सिटी ऑफ पतंजलि अरनी यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश, गवर्नमेंट दून मेडिकल कॉलेज देहरादून,ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी देहरादून
यूपीईएस देहरादून आदि प्रमुख हैं।

विजेता प्रतिभागियों को दिए गए पुरस्कार

कार्यक्रम में 9 बच्चों को विज्ञान क्विज, 12 युवाओं को यंग साइंटिस्ट प्रतियोगिता और 9 बच्चों को साइंस पोस्टर प्रतियोगिता के विजेता के रूप में सम्मानित भी सम्मानित किया गया।