जोशीमठ: सड़क के इंतजार में बूढ़ी हो गई आंखें, पर सड़क अब तक न बन पाई

जोशीमठ: सड़क के इंतजार में बूढ़ी हो गई आंखें, पर सड़क अब तक न बन पाई
जोशीमठ: सड़क के इंतजार में बूढ़ी हो गई आंखें, पर सड़क अब तक न बन पाई

जोशीमठ (अरुण नेगी): उत्तराखंड के सीमान्त चमोली जिले के जोशीमठ ब्लाक में कई ऐसे गांव हैं जहाँ आज तक सरकार की नजर नहीं जा सकी है.. एक अदद सड़क तक नहीं जा सकी है। ऐसा नहीं है कि इस संवेदनशील चीन सीमा के समीप के गांवों ने सरकार को पुकार नहीं पहुंचाई है। बार-बार पहुंचाई है, इतनी बार पहुंचाई है कि अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाने वाली पीढ़िया जीवन की चौथी अवस्था में पहुंच गई हैं। वहीं नई पीढ़ी भी इसी आवाज को उठाते-उठाते जवान हो चुकी है लेकिन सरकार  ने  आजतक इन आवाजों को अनसुना ही किया है। भरोसा न हो तो आगे वीडियो देख लें और गंभीरता से सुनें उन बुजुर्गों को जो सन 1962 से ही अपने गांवों के लिए सड़क की मांग कर रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि बेहद दुर्गम स्थान हो और सड़क न जा सके, केवल 5 किमी की सड़क है लेकिन आज तक न बन पाई। अब क्यों नहीं बन पाई उसका कोई कारण नहीं है, हां बहाने जरुर दर्जनों हो सकते हैं हुक्मरानों के पास। ये विडम्बना ही है कि आजादी के 74 साल बाद भी  बीआरओ 123  सुराइथोठा से सूकी भलागाँव   पैदल 5 किमी मोटर मार्ग जो 1992 में स्वीकृत हुआ  लेकिन आज तक नहीं बन पाया। अब तो हालात यह हैं कि ग्रामीणों का सरकार नाम की चीज से भरोसा ही उठ चुका है और आगामी विधान सभा चुनाव का ग्रामीणों ने बहिष्कार का निर्णय लिया है । ये बताने की जरुरत तो नहीं है कि ग्रामीण व ग्राम प्रधान कई बार विधायक , जिला अधिकारी , सांसद, मुख्यमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं और उनकी हेल्प लाईन पर भी शिकायत दर्ज करवा चुके हैं लेकिन आज तक इस विषय पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। देखें, सुनें और समझें पहाड़ की पहाड़ सम पीड़ा..