बाढ़ प्रभावित जालंधर इलाकों में 3,910 लोगों ने चिकित्सा सहायता मांगी

बाढ़ प्रभावित जालंधर इलाकों में 3,910 लोगों ने चिकित्सा सहायता मांगी

जालंधर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में कम से कम 3,910 मरीज चिकित्सा सहायता मांग रहे हैं, जिनमें से अधिकांश त्वचा की समस्याओं और गैस्ट्रोएंटेराइटिस से पीड़ित हैं। हालांकि मलेरिया या डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने एहतियात के तौर पर संदिग्ध मरीजों की मलेरिया सैंपलिंग भी शुरू कर दी है।

दोपहर 12 बजे तक 3,910 मरीजों ने विभिन्न बीमारियों के लिए मदद मांगी थी। इनमें से 948 त्वचा की एलर्जी से, 694 बुखार से, 364 गैस्ट्रोएंटेराइटिस से और 204 उच्च रक्तचाप से पीड़ित थे। कम से कम 180 मरीज़ पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे थे और नौ महिलाएँ थीं।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने भी सुबह टीमों से मुलाकात की और वेक्टर जनित बीमारियों की स्थिति की समीक्षा की। जालंधर के गांवों में बाढ़ आए हुए एक सप्ताह हो गया है। मंडला चन्ना दरार को कल भर दिया गया, जबकि कुछ स्थानों पर इसके स्तर में मामूली कमी के बावजूद, अधिकांश गांवों में पानी जमा हुआ है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मच्छरों के लार्वा प्रजनन पर चिंता जताते हैं। विभाग ने क्षेत्र में फॉगिंग और लार्विसाइड्स का स्प्रे और क्लोरीन की गोलियों का वितरण भी शुरू कर दिया है।

सिविल सर्जन डॉ. रमन शर्मा ने कहा, “25 मेडिकल टीमों और 16 रैपिड रिस्पांस टीमों को सेवा में लगाया गया है। जिन गांवों में पानी नहीं घटा है, वहां दो टीमें रोजाना नावों से घर-घर जाकर दवाएं मुहैया करा रही हैं।'