श्री आनंदपुर साहिब में 50 वर्षों के बाद 'हेरिटेज स्ट्रीट' परियोजना का शिलान्यास

श्री आनंदपुर साहिब - पंजाब की ऐतिहासिक और धार्मिक धरती श्री आनंदपुर साहिब में आज एक नया अध्याय जुड़ गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 50 वर्षों के बाद "हेरिटेज स्ट्रीट" परियोजना का शिलान्यास किया, जो इस पवित्र नगरी के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह वही आनंदपुर साहिब है जहाँ खालसा पंथ की नींव रखी गई थी। इस परियोजना के माध्यम से, इस शहर का उद्देश्य न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से भी वैश्विक पहचान हासिल करना है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आनंदपुर साहिब को "श्वेत नगरी" के रूप में विकसित किया जाएगा। शांति, भक्ति और पवित्रता के प्रतीक के रूप में पूरे शहर में सफेद संगमरमर का उपयोग किया जाएगा। इस परियोजना के तहत, छह भव्य द्वार बनाए जाएँगे, जो पंजाब की सांस्कृतिक विरासत, सिख इतिहास और श्री गुरु ग्रंथ साहिब की गुरबानी से प्रेरित होंगे। प्रत्येक द्वार का नाम और डिज़ाइन सिख इतिहास से जुड़ा होगा, जो आने वाली पीढ़ियों को अपनी विरासत से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा।
भगवंत मान ने कहा कि यह सिर्फ़ एक निर्माण परियोजना नहीं है, बल्कि सिख इतिहास के गौरव को साकार करने का एक प्रयास है। सरकार का लक्ष्य तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएँ प्रदान करना है - स्वच्छता, पार्किंग, महिला क्षेत्र, शौचालय और यातायात व्यवस्था, सभी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आनंदपुर साहिब से नैना देवी, चिंतपूर्णी और बगला मुखी जैसे धार्मिक स्थलों तक विशेष पर्यटन मार्ग विकसित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों को "पंज तख्तों" तक आसानी से पहुँचने में सक्षम बनाने के लिए रेल संपर्क की योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि हालाँकि पंजाब ने हाल के दिनों में बाढ़ जैसी आपदाओं का सामना किया है, फिर भी पंजाबियों ने हमेशा हर संकट से उबरकर काम किया है। आनंदपुर साहिब में यह विकास उसी भावना का उदाहरण होगा - एक नई दृष्टि, एक नई शुरुआत और एक विरासत को पुनर्जीवित करने का संकल्प।