महिला आरक्षण बिल : सोनिया गांधी का ओबीसी कोटा पर जोर, तत्काल कार्यान्वयन की उठाई मांग

महिला आरक्षण बिल : सोनिया गांधी का ओबीसी कोटा  पर जोर, तत्काल कार्यान्वयन की उठाई मांग

वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने गुरुवार को एससी, एसटी, ओबीसी के लिए उप-कोटा के साथ महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया।

कांग्रेस के लिए बिल पर बहस की शुरुआत करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "महिला आरक्षण बिल को लागू करने में कोई भी देरी भारतीय महिलाओं के साथ घोर अन्याय होगा। सभी बाधाओं को दूर करके महिला आरक्षण बिल को तत्काल लागू करना न केवल जरूरी है बल्कि संभव भी है।"

अपने भाषण में उन्होंने आगे कहा कि बिल सबसे पहले उनके पति और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी लाए थे।

 उन्होंने कहा, "यह मेरे जीवन का भी एक भावनात्मक क्षण है। पहली बार स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं का प्रतिनिधित्व तय करने के लिए संवैधानिक संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी द्वारा लाया गया था। यह राज्यसभा में 7 वोटों से हार गया था।"

 उन्होंने कहा, "बाद में, पीएम पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने इसे राज्यसभा में पारित किया। परिणामस्वरूप, हमारे पास स्थानीय निकायों के माध्यम से देश भर में 15 लाख निर्वाचित महिला नेता हैं। राजीव गांधी का सपना केवल आंशिक रूप से पूरा हुआ है। यह पूरा होगा इस विधेयक के पारित होने के साथ।"

उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में सरोजिनी नायडू, अरुणा आसफ अली सहित विभिन्न महिला नेताओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

संसद के विशेष सत्र के दौरान मंगलवार को महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया गया।

'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नामक विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव है।

कानून अगले परिसीमन अभ्यास के बाद लागू होगा, जो 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना के बाद आयोजित किया जा सकता है।