उत्तराखंड में विधवा और विधुर कर्मचारियों को अनिवार्य तबादलों में छूट

उत्तराखंड में विधवा और विधुर कर्मचारियों को अनिवार्य तबादलों में छूट

देहरादून: प्रदेश में एकल अभिभावक (विधवा और विधुर) कर्मचारियों को तबादला सत्र 2022-23 के लिए अनिवार्य तबादलों में छूट मिलेगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ऐसे कर्मचारियों से सरकार पांच-पांच स्थानों के लिए विकल्प मांगेगी और इन्हीं में से किसी एक स्थान पर उनके तबादले किए जाएंगे।
तबादला अधिनियम की धारा-17 के तहत गठित समिति की बैठक 10 नवंबर को हुई थी। कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने बैठक में लिए गए फैसलों का कार्यवृत्त जारी कर दिया है। बैठक में फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रतिनिधि ने अपनी मांग उठाई थी, जिस पर समिति ने अपना अनुमोदन दे दिया।
नई तैनाती में मृतक आश्रित कर्मचारी को राहत
मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त कर्मचारियों को पहली तैनाती सीधे दुर्गम में देने से भी राहत मिलेगी। आगामी तबादला सत्र में उन्हें सीधे दुर्गम में तैनात करने के बजाय उनसे पांच स्थानों के विकल्प मांगे जाएंगे। इनमें से किसी एक विकल्प पर उनकी तैनाती हो सकेगी।
मिनिस्टीरियल संवर्ग में मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी छूट
समिति ने मिनिस्टीरियल संवर्ग में मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी तबादले में छूट दी है। समूह ख के इन कर्मचारियों के तबादले भी गृह जिले में ही होंगे।
समिति ने पशु चिकित्सकों के तबादले का नया प्रस्ताव मांगा
मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने पशुपालन विभाग के तहत चिकित्सकों के तबादलों अधिनियम के प्रावधानों के तहत फिर प्रस्ताव देने को कहा है। विभाग ने सात जनवरी को 26 डाक्टरों का तबादला कर दिया था। 23 डाक्टरों के तबादले नियमविरुद्ध होने के कारण रद्द कर दिए गए। डॉक्टरों ने उच्च न्यायालय से स्टे प्राप्त कर लिया।
शासन ने तबादलों की 15 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर समिति को प्रस्ताव दिया। समिति ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के तबादला नीति प्रस्ताव को लौटाते हुए उसे संशोधित प्रस्ताव देने को कहा है। समिति ने विशेष कार्य प्रकृति के दृष्टिगत अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादलों की विभागीय स्थानांतरण नीति का प्रस्ताव पर समिति से छूट मांगी थी।