"आप" का बिक्रम मजीठिया पर पलटवार, कहा- उन्हें प्रेस की स्वतंत्रता पर भाषण देने का कोई नैतिक आधार नहीं

"आप" का बिक्रम मजीठिया पर पलटवार, कहा- उन्हें प्रेस की स्वतंत्रता पर भाषण देने का कोई नैतिक आधार नहीं
प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए आप पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग

चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी (आप) ने अकाली दाल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मजीठिया के पास प्रेस की आजादी के मुद्दे पर भाषण देने का कोई नैतिक आधार नहीं है। आप ने बिक्रम मजीठिया द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को झूठा और निराधार बताया।
शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए आप पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि एक व्यक्ति, जिस पर नशा तस्करी का आरोप है और अदालत में जिस पर मुकदमा चल रहा है। जिसने पंजाब के युवाओं को नशे के जाल में फंसा कर बर्बाद कर दिया। ऐसे व्यक्ति का प्रेस की आज़ादी और भ्रष्टाचार पर बात करना बेहद हास्यास्पद है। कंग ने कहा कि मजीठिया ने 3 करोड़ पंजाबियों द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री का अपमान किया है, लेकिन यह भूल गए वे पंजाब की जनता द्वारा नकारे गए नेता हैं। इसलिए उन्हें किसी से सवाल करने का न अधिकार है और न ही उनकी कोई हैसियत है।

कंग ने मजीठिया को याद दिलाया कि जब वह अकाली सरकार में जनसंपर्क मंत्री थे तो उन्होंने एबीपी सांझा जैसे चैनल को 2007 से 2017 तक मुख्य केबल पर प्रसारित नहीं होने दिया। आज वही चैनल उनकी पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस का सीधा प्रसारण कर रहा है। क्या यह सबूत काफी नहीं है कि मीडिया का गला किसने घोंटा? कंग ने कहा कि पत्रकार राजेश सहगल अभी भी अदालत में न्याय के लिए लड़ रहे हैं, क्योंकि उन्होंने 1998 के चुनाव के दौरान सुखबीर बादल द्वारा बूथों पर कब्जा करने की खबर प्रकाशित की थी।

उन्होंने कहा कि अकाली दल सरकार ने बेअदबी की घटनाओं पर रिपोर्टिंग करने के लिए न्यूज 18 के पत्रकारों को डराया-धमकाया। मालवा में एक धार्मिक सभा को कवर करने के लिए पत्रकारों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया। 10 साल तक मुख्य केबल पर सिर्फ अकाली दल के "पीटीसी" का ही एकाधिकार था और पंजाब में अकाली सरकार ने कई पत्रकारों का करियर बर्बाद कर दिया और कई चैनलों को बंद करा दिया।

कंग ने कहा कि "आप" लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का सम्मान करती है और हमारे संविधान के अनुसार सभी को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। उन्होंने कहा कि आप सरकार में कोई भी किसी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नही करता, लेकिन कानून किसी को भी सांप्रदायिक शांति के लिए खतरा पैदा करने वाली सामग्री (कंटेंट) प्रकाशित करने की अनुमति नहीं देता है।