नोटबंदी पर क्यों रहे जस्टिस नागरत्ना सरकार के खिलाफ

नोटबंदी पर क्यों रहे जस्टिस नागरत्ना सरकार के खिलाफ

केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों वाली संवैधानिक पीठ ने 4-1 के बहुमत से नोटबंदी के फैसले का समर्थन कर राहत तो दे दी है परंतु 5 जजों वाली संवैधानिक पीठ के एक जज जस्टिस बीवी नागरत्ना सरकार के इस फैसले के खिलाफ रहीं। इसी बात की चर्चा अब पूरे देश में हो रही है। जो बात जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कही वह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है।  आइए जानते हैं जस्टिस बीवी नागरत्ना नोटबंदी को गलत बताते हुए क्या-क्या कहा।

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने नोट बंदी के मामले में अपनी राय रखते हुए कहा सरकार को इस फैसले को कानून बनाकर लागू करना चाहिए था ना कि केवल अधिसूचना के माध्यम से। जस्टिस ने कहा कि इतने बड़े फैसले में संसद को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता। इस मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए थी और सभी की सहमति के बाद इस फैसले को लागू किया जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने आरबीआई से इस मामले में केवल राय ही मांगी थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सरकार और आरबीआई ने जो जवाब दाखिल किए हैं उनमें विरोधाभास है।

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने अपने फैसले में यह भी कहा कि इस फैसले के कारण जनता और अर्थव्यवस्था पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा था। इसलिए नोट बंदी का फैसला बिल्कुल भी सही नहीं था।