मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधायकों से गेहूं की फसल के नुकसान की राहत में तेजी लाने को कहा

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधायकों से गेहूं की फसल के नुकसान की राहत में तेजी लाने को कहा

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को विधायकों और अधिकारियों को गिरदावरी (फसल निरीक्षण) की प्रक्रिया में तेजी लाने और किसानों की समस्याओं के निवारण के लिए अपने क्षेत्र के दौरे को बढ़ाने के लिए कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा, "विधायकों को किसानों से मिलना चाहिए और उनकी शिकायतों को सुनना चाहिए, इसी तरह अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विशेष गिरदावरी जल्द से जल्द पूरी हो ताकि हम बैसाखी से पहले मुआवजे का भुगतान कर सकें।"

मुख्यमंत्री ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद कर चुके किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार अन्नदाताओं के साथ है।

उन्होंने कहा कि एक-एक पैसे के नुकसान की भरपाई की जाएगी और इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। खराब मौसम की स्थिति के कारण किसानों को हुए भारी नुकसान के कारण किसान समुदाय की पीड़ा से वह अच्छी तरह वाकिफ थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से पूरे अभियान की दिन-प्रतिदिन निगरानी कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रभावित किसानों को सबसे पारदर्शी और त्वरित तरीके से मुआवजा दिया जाए।

मान ने कहा कि चूंकि वह एक सामान्य परिवार से हैं, इसलिए वह व्यक्तिगत स्तर पर किसानों की पीड़ा से अवगत हैं और उन्हें उचित मुआवजा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि गिरदावरी के दौरान सरकारी तंत्र में किसी भी स्तर पर किसी भी तरह की ढिलाई या चूक पाये जाने पर कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से पीड़ित किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि गिरवाड़ी से पहले पूरी प्रक्रिया के बारे में सार्वजनिक घोषणा की जा रही है ताकि सभी लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके।

इसी तरह, मान ने कहा कि किसानों को हीलिंग टच देने के लिए प्रति एकड़ मुआवजे में 25 की बढ़ोतरी की गई है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि एक बड़ी किसान हितैषी पहल के तहत सरकार ने किसानों द्वारा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों से लिये गये कर्ज की अदायगी पर रोक लगाने का फैसला किया है।

मान ने उम्मीद जताई कि इससे संकट की इस घड़ी में किसानों को बहुत जरूरी राहत मिलेगी, किसान नुकसान से उबरने के बाद बाद में इस राशि का भुगतान कर सकते हैं।