दहेज हत्या के मामले में लापरवाही बरती, डीजीपी ने किया पुलिसकर्मियों को सस्पेंड

दहेज हत्या के मामले में लापरवाही बरती,  डीजीपी ने किया पुलिसकर्मियों को सस्पेंड
दहेज हत्या के मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को डीजीपी ने किया सस्पेंड

देहरादून: उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने हरिद्वार जिले के गंगनहर थाने में दर्ज एक केस से संबंधित पुलिसकर्मियों को जांच ढंग से न करने और सबूत न जुटाने के कारण सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। साथ ही मुकदमे की दोबारा की जांच कराने के आदेश भी दिए हैं। इसके अलावा मामले की जांच पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, हरिद्वार से कराते हुए सात दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजने के लिए डीआईजी गढ़वाल को निर्देशित किया गया है।
ये है मामला
अगस्त, 2018 को कविता नाम की महिला ने खुदकुशी कर ली थी। उनकी शादी को केवल चार साल हुए थे। जिस सम्बन्ध में उनके पिता  राजकुमार, निवासी  जनकपुरी, मुज्जफरनगर, उत्तर प्रदेश ने ससुराल पक्ष पर दहेज की मांग करने व धमकी देने के आरोप लगाये गये। मामले में थाना गंगनहर, हरिद्वार में केस दर्ज किया और अन्तिम रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी गयी। मार्च, 2021 को मृतका के पिता ने डीजीपी अशोक कुमार से उनके कार्यालय में भेंट कर मामले की फिर से जांच कराये जाने का अनुरोध करते हुए शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया।
डीजीपी अशोक कुमार ने शिकायती प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए मामले के जांच अधिकारी को जांच रिपोर्ट के साथ साथ पुलिस मुख्यालय में तलब किया। समीक्षा के दौरान पाया गया कि विवाहिता की मृत्यु शादी के 07 वर्ष के भीतर हुई थी, जिस सम्बन्ध में तहरीर के आधार पर दहेज हत्या के अन्तर्गत केस दर्ज कर जांत की जानी चाहिए थी। बता दें कि विवाहिता ने खुदकुशी से पहले 2017 में अपने ससुराल पक्ष के विरूद्ध महिला थाना, मुज्जफरनगर, उत्तर प्रदेश में दहेज प्रताड़ना और दहेज प्रतिषेध अधिनियम का केस दर्ज कराया गया था, जिसमें जांच के बाद चार्जशीट दाखिल हो चुकी थी। इन तथ्यों का संज्ञान न लेते हुए भी गंगनहर थाने के जांच अधिकारी ने दहेज हत्या का केस न लगाते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने और आपराधिक धमकी में केस दर्ज कर फाइनल रिपोर्ट लगा दी गयी, जो घोर लापरवाही दर्शाता है। अब डीजीपी ने सख्त एक्शन लेते हुए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के आदेश दे दिए हैं।