थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 4.73 प्रतिशत पर आ गई

थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 4.73 प्रतिशत पर आ गई

विनिर्मित वस्तुओं, ईंधन और बिजली की कीमतों में नरमी से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति यानी खुदरा महंगाई दर जनवरी में लगातार आठवें महीने कम होकर 4.73 प्रतिशत पर आ गई।

थोक मूल्य-सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर दिसंबर 2022 में 4.95 फीसदी और जनवरी 2022 में 13.68 फीसदी थी।

हालांकि, जनवरी में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 2.38 प्रतिशत हो गई, जो दिसंबर 2022 में (-) 1.25 प्रतिशत थी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, "जनवरी 2023 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से खनिज तेल, रसायन और रासायनिक उत्पादों, कपड़ा, कच्चा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, कपड़ा और खाद्य उत्पादों का योगदान है।"

दालों में महंगाई दर 2.41 फीसदी रही, जबकि सब्जियों में यह (-) 26.48 फीसदी रही। तिलहन में मुद्रास्फीति जनवरी, 2023 में (-) 4.22 प्रतिशत थी।

ईंधन और बिजली टोकरी मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में 18.09 प्रतिशत से घटकर 15.15 प्रतिशत हो गई। निर्मित उत्पादों में यह 2.99 प्रतिशत थी, जो दिसंबर 2022 में 3.37 प्रतिशत थी।

WPI में गिरावट सोमवार को जारी खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के विपरीत है, जिसमें दिखाया गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) या खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर 6.52 प्रतिशत हो गई, जो दिसंबर 2022 में 5.72 प्रतिशत थी।