नाइजर में अमेरिका भी लग़ाम लगाने में नाकाम, तख्तापलट करने वाले जनरल के सामने घुटनों पर कई देश

नाइजर में अमेरिका भी लग़ाम लगाने में नाकाम, तख्तापलट करने वाले जनरल के सामने घुटनों पर कई देश

नाइजर में सेना द्वारा किए गए तख्तापलट के बाद देश के हालात बिगड़ रहे हैं. दुनिया के कई देश इस बीच अपनी ओर से पहल कर रहे हैं, ताकि देश में फिर से लोकतंत्र स्थापित किया जा सके. अमेरिका ने भी इस ओर कुछ कदम बढ़ाए हैं लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है, अमेरिका की ओर से नाइजर पहुंचीं वरिष्ठ अधिकारी को नाइजर की सेना ने बातचीत का मौका ही नहीं दिया और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने सेना द्वारा नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बेजोम को बंदी बना लिया गया और देश में तख्तापलट हुआ. इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय की अधिकारी विक्टोरिया नूलैंड अब नाइजर के दौरे पर पहुंची हैं, जहां उन्होंने नाइजर सेना के अधिकारियों से मुलाकात की. उनकी मुलाकात मिलिट्री लीडर मूसा सेलाउ बरमउ और उनके तीन कमांडर से हुई।

26 जुलाई को हुए तख्तापलट के बाद किसी अमेरिकी अधिकारी का यह पहला दौरा है. विक्टोरिया नूलैंड का कहना है कि नाइजर के सैन्य अधिकारी अपनी ओर से पूरी तरह पक्के हैं कि वह इसी व्यवस्था को जारी रखना चाहते हैं जो संवैधानिक नहीं है. उन्होंने कहा कि अमेरिका पूरी तरह से लोकतंत्र स्थापित करने के पक्ष में है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि वह बार-बार नाइजर की सेना से संपर्क साध रहा है, हालांकि सैन्य प्रमुख Abdourahmane Tchiani से मिलने की अनुमति नहीं मिली है. ऐसे में अमेरिका अभी नाइजर में अपनी रणनीति लागू नहीं कर पा रहा है. सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि अफ्रीका रीजन के भी कुछ देशों ने नाइजर में फिर से बेहतर स्थिति करने की कोशिशें की हैं जो अभी तक नाकाम रही हैं.

अफ्रीकी रीजन ब्लॉक ने नाइगर पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं, इसके अलावा कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगाने की तैयारी है. लेकिन इसका नाइगर सेना पर कोई असर नहीं पड़ा है, तख्तापलट करने वाले ग्रुप ने अभी भी देश का एयरस्पेस बंद किया हुआ है. तख्तापलट करने वाले ग्रुप का कहना है कि कुछ अफ्रीकी देश उनपर हमले की योजना बना रहे हैं, यही वजह है कि एयरस्पेस को बंद किया गया है.