दुष्यंत चौटाला का बड़ा बयान, सरकार गिराने को बाहर से करेंगे समर्थन, अब कांग्रेस सोचे कि कोई कदम उठाएंगे या नहीं...

दुष्यंत चौटाला का बड़ा बयान, सरकार गिराने को बाहर से करेंगे समर्थन, अब कांग्रेस सोचे कि कोई कदम उठाएंगे या नहीं...

हरियाणा की सियासत में उस वक्त से बड़ी हलचल है, जब तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया। इसके बाद हरियाणा की नायब सरकार अल्पमत में आ गई है। और खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी इस बात को माना है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता है।

लेकिन फिलहाल हरियाणा की सियासत गरमा गई है, पहले कल तीन निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया उसके बाद अब दुष्यंत चौटाला जो साढ़े चार साल मनोहर लाल खट्टर के साथ हरियाणा में सरकार चला चुके हैं, उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि वो मौजूदा सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस का बाहर से समर्थन करने को तैयार हैं। अब सोचना कांग्रेस को है कि वो क्या कदम उठाती है। आपको बता दें कि ये सारी परिस्थितियां कल दोपहर बाद से ही बदली हैं जब तीन निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को रोहतक में जाकर समर्थन दिया। इस के बाद भूपेंद्र हुड्डा ने जहां हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मांग की थी वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने तुरंत विधानसभा चुनाव करवाने की बात की थी। और अब दुष्यंत चौटाला ने भी सरकार को गिराने के लिए बाहर से समर्थन की बात कह दी है। ऐसे में जाहिर तौर पर नायब सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। हालांकि इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ये कहते भी नजर आए कि कुछ विधायक हमारे संपर्क में भी हैं।

फिलहाल हरियाणा विधानसभा का गणित समझने की कोशिश करें तो आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में हरियाणा विधानसभा में 88 विधायक हैं। मनोहर लाल और रणजीत सिंह के इस्तीफा देने के बाद ये संख्या 90 से 88 हुई है। ऐसे में बीजेपी को बहुमत के लिए 45 विधायकों की जरूरत है। बीजेपी के खुद के विधायक अभी 40 हैं। जेजेपी के 10 हैं लेकिन वो अभी सरकार से बाहर हैं, 30 विधायक कांग्रेस के हैं। 6 निर्दलीय एक इनेलो और एक हलोपा। इनमें से बीजेपी के साथ फिलहाल 2 निर्दलीय हैं जिनमें नयनपाल रावत, बलराज कुंडू और एक हलोपा के गोपाल कांडा हैं। यानी 45 में दो कम हैं। वहीं कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस के अपने विधायक 30 हैं। जेजेपी का बाहर से समर्थन मिलता है तो 40 होते हैं तीन निर्दलीय के साथ 43 विधायक बन जाते हैं। और अगर इनमें से राकेश दौलताबाद जिनका स्टैंड अभी क्लीयर नहीं है हालांकि पहले बताया ये जा रहा था कि कांग्रेस को समर्थन देने वाले वो चौथे विधायक हैं। लेकिन अभी आधिकारिक तौर पर ऐसा कुछ सामने नहीं आया है ना ही उनकी तरफ से कोई बयान सामने आया है।

अगर ऐसा होता है तो 44 विधायक हो जाएंगे और फिर बात आती है कि इनेलो के अभय चौटाला कांग्रेस के साथ आएं तो कांग्रेस बहुमत के साथ अपनी सरकार हरियाणा में बना सकती है।

अब ऐसा हो पाता है या नहीं इसके लिए हमें पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बयान भी जरूर सुन लेना चाहिए उन्होंने कहा है कि हमारे संपर्क में भी कई विधायक हैं। तो वो भी सोच लेना चाहिए। बहरहाल इस अंकगणित में अब ऊंट किस करवट बैठता है ये देखना बड़ा दिलचस्प होगा।