जोशीमठ में क्यों आई दरारें? एक्सपर्ट्स ने दिए यह 6 सुझाव

जोशीमठ में क्यों आई दरारें? एक्सपर्ट्स ने दिए यह 6 सुझाव

जब से जोशीमठ के घरों में दरारें आई हैं तब से केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार की सभी एजेंसियां पूरी तरह से सक्रिय हो गई हैं। सरकारी यह जानने में जुटी हुई है कि आखिर जोशीमठ में इतनी बड़ी दुर्घटना कैसे हो गई और सरकार को पहले इस बात का जरा सा भी अंदाजा क्यों नहीं लगा। 600 से भी ज्यादा घरों में अब तक दरारे आ चुकी हैं। जोशीमठ के उस क्षेत्र को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया जा चुका है और कई परिवारों को वहां से निकाल दिया गया है। उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाई गई आपदा प्रबंधन और विशेषज्ञों की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को सौंप दी है।

उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाई गई विशेषज्ञों की टीम ने आपदा क्षेत्र की और जोशीमठ की जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट में इन 6 बातों पर ध्यान देने को कहा है-

  • क्षेत्र की भू तकनीकी जांच की जानी चाहिए और जरूरत पड़ने पर नींव की रिट्रोफिटिंग की की भी जांच की जानी चाहिए। 
  • क्षेत्रों के उप स्तरों की जांच के लिए फिजियोलॉजी जांच भी की जानी चाहिए।
  • क्षेत्र में हमेशा भूकंप की निगरानी होनी चाहिए।
  • जल निकासी, लोकल झरनों और वाटर लेवल के अध्ययन के लिए हाइड्रोलॉजी जांच भी की जानी चाहिए। 
  •  भूमि धंसाव की निगरानी सही समय पर होनी चाहिए।
  • घरों में आई दरारों का भी ठीक तरह से आकलन होना चाहिए।