कृषि कानूनों के खिलाफ राजभवन कूच कर रहे किसानों की पुलिस झड़प, देखें वीडियो

कृषि कानूनों के खिलाफ राजभवन कूच कर रहे किसानों की पुलिस झड़प, देखें वीडियो
कृषि कानूनों के खिलाफ राजभवन कूच कर रहे किसानों की पुलिस झड़प, देखें वीडियो

देहरादून: कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के विरोध की गूंज उत्तराखंड में भी सुनाई दे रही है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कृषि कानूनों का विरोध करते हुए राजभवन की ओर कूच कर रहे किसानों और पुलिस में झड़प हो गई। देहरादून से पहले लच्छीवाला बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस अधिकारी मौजूद थे। पुलिस ने किसानों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े थे और वापस लौटने को नहीं माने। भानियावाला और हर्रावाला में किसानों और पुलिस के बीच नोक-झोंक हुई।केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ राजभवन कूच कर रहे किसानों ने प्रदर्शन करते हुए ट्रैक्टर रैली निकाली। भानियावाला लक्ष्मी वाला ओवरब्रिज से होते हुए टोल बैरियर पहुंची ट्रैक्टर रैली को पुलिस ने रोक लिया। इस बीच प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

दून-हरिद्वार हाईवे पर बेकाबू हुए किसान
संयुक्त किसान मोर्चा डोईवाला के नेतृत्व में छिद्दरवाला, जोहड़ी, थानो भोगपुर, रानीपोखरी, दूधली, सिमलास ग्रांट, नागल ज्वालापुर, बुलंदवाला, बुल्लवाला और झबरावाला, तेलीवाला खैरी, धर्मूचक, चांदमारी, डोईवालाखत के किसान एक सौ से ज्यादा ट्रैक्टरों के साथ डोईवाला गुरुद्वारे के बाहर सुबह छह बजे से जुटने शुरू हो गए। करीब दस बजे ट्रैक्टरों के साथ किसानों ने दून के लिए कूच किया। भानियावाला बैरिकेडिंग तोड़ने के बाद पुलिस ने उन्हें लच्छीवाला पुल के नीचे बैरिकेडिंग लगाकर रोकना चाहा।
पर किसानों ने इसे भी तोड़ दिया। लच्छीवाला में पुलिस ने सड़क पर सीमेंट के डिवाइडर डालकर किसानों को रोकना चाहा, जिन्हें किसानों ने ट्रैक्टरों से भी इन्हें उखाड़ फेंक दिया। पुलिस को चकमा देकर किसान जंगल के रास्ते आगे बढ़ गए।  यहां किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई। फिर हर्रावाला में किसानों  को रोकने के लिए सड़क पर ट्राला खड़ा कर दिया, लेकिन किसानों ने ट्रैक्टरों से उसे धकेल कर सड़क किनारे कर दिया।  
आईआईपी गेट पर रोके जा सके किसान
दून पहुंच रहे किसानों को आईआईपी गेट के पास रोकने के लिए पुलिस ने 20 डंपरों को आड़े-तिरछे सड़क पर खड़ा कर दिया। हाईवे के पूरे ट्रैफिक को रोक दिया गया। पौने एक बजे किसान करीब 60 ट्रैक्टर के साथ यहां पहुंचे, लेकिन वह डंपरों को हटाने में कामयाब नहीं रहे। बाद में किसानों की पांच सदस्यीय कमेटी में शामिल ताजेंद्र सिंह ताज, बलवीर सिंह, उम्मेद बोरा, सुरेंद्र सिंह खालसा, एडवोकेट मनोहर सिंह ने एडीएम कुश्म चौहान, एसपी देहात परमेंद्र डोबाल और एसपी सिटी श्वेता चौबे से वार्ता की। ज्ञापन राजभवन तक पहुंचाने के साथ ही किसानों पर किसी तरह का मुकदमा दर्ज नहीं करने और लच्छीवाला में सिख युवक के साथ हुई अभद्रता पर माफी मांगने की मांग रखी। जिसका आश्वासन मिलने पर दोपहर दो बजे किसान वापस लौट गए।