कानून मंत्री के बयान के बयान पर CJI चंद्रचूड़ का करारा पलटवार

कानून मंत्री के बयान के बयान पर CJI चंद्रचूड़ का करारा पलटवार

देश के समाधान की व्यवस्था में एक बार फिर से विधायिका और न्यायपालिका के मध्य टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है। हाल ही में देश के कानून मंत्री किरण रिजिजू में संसद में एक टिप्पणी करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय को जमानत याचिकाओं और फालतू जनहित याचिकाओं पर सुनवाई बंद कर देनी चाहिए और उन्हें केवल संवैधानिक मामलों की सुनवाई करनी चाहिए।

जिस पर देश के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ का उत्तर आया है। उन्होंने कहा कि यदि मामला व्यक्तिगत स्वतंत्रता का होगा तो हम अवश्य हस्तक्षेप करेंगे।

मुख्य जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि हम लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामले नहीं सुनते हैं तो हम यहां पर किस लिए हैं। ऐसा ना कर के हम संविधान के अनुच्छेद 136 का उल्लंघन करते हैं। हम यहां पर अपने अंतरात्मा की पुकार और लोगों के व्यक्तिगत स्वतंत्रता की पुकार सुनने के लिए बैठे हैं।

जब हम रात भर फाइलें पढ़ते हैं तब पता चलता है कि रोज कोई न कोई ऐसा मामला आता रहता है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जरूरत इसलिए है क्योंकि न्यायालय के लिए कोई भी मामला बड़ा या छोटा नहीं होता।