वायु प्रदूषण से निपटने को तैयार दिल्ली सरकार

वायु प्रदूषण से निपटने को तैयार दिल्ली सरकार

गर्मियों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को 14 सूत्रीय समर एक्शन प्लान की घोषणा की। जिसमें धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। गर्मियों के दिनों में धूल प्रदूषण सबसे अधिक देखा गया है। इसके तहत धूल प्रदूषण के अलावा खुले में कूड़ा जलाने से लेकर औद्योगिक प्रदूषण रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, ठोस कचरा प्रबंधन, रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी, ग्रीन कवर बढ़ाने, झीलों के विकास और पड़ोसी राज्यों से संवाद समेत अन्य कदम भी उठाए जाएंगे। इसकी घोषणा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि देश की संसद ने भी माना है कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के संयुक्त प्रयास से 2016 से 2022-23 तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में 30 प्रतिशत की कमी आई है। केजरीवाल ने कहा कि 2016 में सीवियर के 26 दिन थे, जो 2022 में घटकर 6 रहे गए हैं। वहीं, वेरी पुअर व सीवियर के 124 दिन थे, जो घटकर 72 रह गए हैं।

सीएम केजरीवाल ने कहा कि जैसे सर्दियों में दिल्ली सरकार अपना विंटर एक्शन प्लान बनाती है, वैसे ही पिछले साल से गर्मियों के लिए भी समर एक्शन प्लान बनाना शुरू किया है। इससे दिल्ली की आबोहवा में और सुधार लाने में मदद मिलेगी। जब से हमने रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी चालू की है, तब से अनुभव किया है कि सर्दियों में प्रदूषण के कारण अलग हैं और गर्मियों में प्रदूषण के कारण अलग हैं। सीएम ने समर एक्शन प्लान की घोषणा करते हुए कहा कि समर एक्शन प्लान के तहत कुछ तात्कालिक कदम उठाए जाएंगे और कुछ दीर्घकालीन कदम उठाए जाएंगे। सर्दियों में प्रदूषण अधिकतर मौसम में बदलाव के कारण होता है। इसमें पराली जलाने, पटाखों, गाड़ियों से होने वाले धुंए और खुले में आग जलाना भी शामिल है।वहीं, गर्मियों में मुख्य रूप से धूल, कूड़े के पहाड़ों व झाड़ियों में आग लगने की वजह से प्रदूषण होता है। 30 सरकारी विभागों के साथ बैठक कर यह समर एक्शन प्लान बनाया गया है। सीएम को उम्मीद है कि आने वाले दो-चार सालों में दिल्ली में एक भी दिन सीवियर और वेरी पुअर कटेगरी में नहीं होंगे।

समर एक्शन प्लान के 14 बिंदु

1. धूल प्रदूषण

धूल प्रदूषण को रोकने के लिए 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें लगाई जा रही हैं, ताकि मशीनों से सड़कों की सफाई कराई जा सके। इसके अलावा 609 वॉटर स्प्रिंकलर और 185 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन लगाई जा रही हैं। सरकार 70 इंटीग्रेटेड मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें और 250 इंटीग्रेटेड वाटर स्प्रिंकलर मशीनें खरीद रही है। पीडब्ल्यूडी और एमसीडी की सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा। दोपहर के समय में 225 और रात के समय में 159 पेट्रोलिंग टीमें लगाई जा रही हैं, जो मिट्टी उड़ने के स्रोतों पर नजर रखेंगी और उनको रोकने के लिए कदम उठाएंगी। 500 वर्ग मीटर से अधिक वाले निर्माण साइटों को सीएंडडी के वेब पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होगा। वर्तमान में 750 साइटों ने पंजीकरण कराया है।

2.ओपन बर्निंग

दिन में खुले में कूड़ा जलाने की प्रथा को रोकने के लिए 220 पेट्रोलिंग टीम बनाई गई हैं, जो इस पर निगरानी करेंगी। इसी तरह रात के लिए 176 टीमें बनाई गई हैं। लैंडफिल साइटों पर आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए एक एसओपी तैयार किया गया है। इस एसओपी को लागू कराया जाएगा, ताकि लैंडफिल साइटों पर आग की घटनाएं रोकी जा सकें।

3.औद्योगिक प्रदूषण

औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध रूप से कचरा डंप किया जाता है। इसे रोकने के लिए डीपीसीसी और डीएसआईडीसी की 33 टीमें बनाई गई हैं। औद्योगिक कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान सुनिश्चित किया जाएगा।

4.सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट

एमसीडी के साथ मिलकर सॉलिड वेस्ट मैेनजमेंट को ठीक करने की प्रक्रिया तैयार की जा रही है।

5.रियल टाइम अपोर्शनमेंट स्टडी

सभी 13 हॉटस्पॉट में मोबाइल एयर लैब की तैनाती की जाएगी, ताकि वहां प्रदूषण के वास्तविक कारकों का पता चल सके और उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

6.पौधरोपण

इस साल ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए 52 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया। समर एक्शन प्लान के तहत 42 लाख पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही, 4 लाख पौधों को फ्री में वितरित किया जाएगा।

7.ट्री ट्रांसप्लांटेशन

ट्रांसप्लांट पेड़ों के जीवित रहने की दर में वृद्धि की निगरानी के लिए स्पेशल टीम का गठन किया जा रहा है।

8.सिटी फॉरेस्ट का विकास

7. सिटी फॉरेस्ट को विकसित किया जा रहा है। इसमे पर्यावरण के अनुकूल ट्रेल्स, साइकिल मार्ग, पक्षी देखने के डेक, कैनोपी वॉक, बैठने की जगह व ओपन इंटरप्रिटेशन साइनेज आदि का इंतजाम किया जाएगा।

9.अर्बन फार्मिंग

अर्बन फार्मिंग के लिए 400 कार्यशाला आयोजित की जाएंगी। इसमें लोगो को फ्री प्रशिक्षण किट दी जाएगी।

10. झीलों का विकास

दिल्ली की 700 झीलों की उपस्थिति की रियल्टी चेक की जाएगी। अभी प्लान में भूमि स्वामित्व एजेंसियों द्वारा लगभग 100 जल निकाय की बहाली और पुनरुद्धार का कार्य किया जाएगा।

11. हरित पार्क का विकास

एनडीएमसी और एमसीडी को आधे एकड़ से अधिक वाले सभी पार्कों का विकास करने को कहा गया है। करीब 3500 पार्क हैं। एमसीडी के 16-17 हजार पार्क हैं, इन सभी को अगले साल मार्च-अप्रैल तक विकसित करने की योजना है।

12.ई-वेस्ट इको पार्क

होलंबी कलां में 20 एकड़ में ई-वेस्ट ईको पार्क बनाया जा रहा है। इसके प्रबंधन और स्थापना के कार्य में तेजी लाई जा रही है।

13.इको क्लब एक्टिविटी

इको क्लबों में जागरूकता अभियान चलाने का लक्ष्य रखा गया है। कोर टीम गठित की जा रही है।

14.पड़ोसी राज्यों से संवाद

वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए आसपास के राज्यों के साथ संवाद किया जाएगा। पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में आने वाले वाहन सीएनजी वाले हों, ईटों के भट्ठों से जो प्रदूषण आता है, उसमें कमी हो, दिल्ली के आसपास के थर्मल पावर प्लांट के प्रदूषण में कमी हो, जो ट्रक दिल्ली के नहीं हैं, वो दिल्ली के बाहर से निकलें और पराली जलने की घटनाओं को नियंत्रित किया जाए।