पीएसपीसीएल ने 21 जून को 14960 मेगावाट की अपनी सर्वकालिक उच्चतम मांग पूरी की: हरभजन सिंह ईटीओ
पंजाब के बिजली मंत्री श्री हरभजन सिंह ईटीओ ने बुधवार को कहा कि पीएसपीसीएल ने 21 जून को 14960 मेगावाट की अपनी सर्वकालिक उच्चतम मांग को पूरा कर लिया है, जिसमें उत्तरी ग्रिड से कुल निकासी 8716 मेगावाट है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और कृषि के लिए रोजाना 8 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के अलावा किसी भी औद्योगिक, गैर आवासीय आपूर्ति (एनआरएस) या घरेलू श्रेणी में कोई कटौती नहीं की जा रही है। पूरे राज्य में धान की फसल की बुआई के लिए फीडर लगे है।
आगे बताते हुए, हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह, राज्य सरकार ने चरणबद्ध तरीके से राज्य भर में धान की बुआई शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में धान की बिजाई 10 जून से शुरू हुई थी, जबकि शेष हिस्सों में 16, 19 और 21 जून को कवर किया गया था।
उन्होंने कहा कि इस बुवाई तंत्र को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य को चार क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों के दौरान पीएसपीसीएल 14000 मेगावाट से अधिक की अधिकतम मांग को सफलतापूर्वक पूरा कर रहा है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य के भीतर लगभग 6500 मेगावाट उत्पादन और केंद्र क्षेत्र और बीबीएमबी संयंत्रों में राज्य की हिस्सेदारी 4800 मेगावाट है।
उन्होंने कहा कि पीएसपीसीएल ने पहले ही 3000 मेगावाट के लिए बैंकिंग में अल्पकालिक व्यवस्था कर ली है और 9000 मेगावाट की कुल उपलब्ध ट्रांसमिशन क्षमता के उपयोग के साथ, पीएसपीसीएल इस धान के मौसम के दौरान 15500 मेगावाट की मांग को पूरा करने में सक्षम होगी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा केंद्रीय क्षेत्र से अतिरिक्त 1000 मेगावाट का आवंटन नहीं किये जाने के कारण बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक्सचेंज से बिजली खरीदी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने पिछले सप्ताह यहां आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान धान के सीजन के लिए बिजली आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा की थी, जिसमें प्रमुख सचिव बिजली तेजवीर सिंह, सीएमडी पीएसपीसीएल बलदेव सिंह सरां, निदेशक वितरण पीएसपीसीएल डीपीएस ग्रेवाल शामिल थे।