उत्तराखंड तीलू रौतेली, रामी बौराणी और गौरा देवी का प्रदेश है: सीएम त्रिवेन्द्र

उत्तराखंड तीलू रौतेली, रामी बौराणी और गौरा देवी का प्रदेश है: सीएम त्रिवेन्द्र
उत्तराखंड तीलू रौतेली, रामी बौराणी और गौरा देवी का प्रदेश है: सीएम त्रिवेन्द्र

देहरादून:मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड तीलू रौतेली, रामी बौराणी और गौरा देवी का प्रदेश है। सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए कृतसंकल्प है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ मार्च दुनिया के इतिहास में बेहद खास है। यह दिन समाज के उस बडे़ हिस्से के लिए महत्वपूर्ण है जिसके बिना संसार की कल्पना अधूरी है। उन्होंने कहा कि नारी को हमारे शास्त्रों में देवतुल्य स्थान मिला है। इसलिए कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता यानी जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवताओं का वास होता है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए हमें भी कुछ रूढियों असमानताओं और अंधविश्वासों का विनाश करना होगा। महिलाओं के बेहतर भविष्य के लिए उनका वर्तमान संवारना होगा, इसलिए बेटियों की सुरक्षा, शिक्षा, समृद्वि और सशक्तीकरण के लिए अभी से कदम उठाने होगे। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए कृतसंकल्प है। हाल ही में सरकार ने महिलाओं को पति की पैतृक संपत्ति में सहखातेदार का अधिकार दिया है। इससे महिलाओं को स्वरोजगार के लिए बैंक से लोन मिल सकेगा और वे स्वावलंबी बन सकेंगी। महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं को समान अधिकार और समान अवसर देने होंगे।
बहनों को सशक्त करने के लिए हम महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के दे रहे हैं। महिलाओं के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री घसियारी योजना लाई जा रही है। जिसमें महिलाओं को अब जंगल से सिर पर गठरी लाने से छुटकारा मिल जाएगा।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं का जीवन काफी कठिन एवं संघर्षशील है। जो वक्त घास लाने में लगता था, महिलाएं उस वक्त का सदुपयोग अपनी आय बढ़ाने के अन्य कार्यों में लगा सकती हैं। इस तरह घसियारी कल्याण योजना महिला सुरक्षा के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण की राह भी प्रशस्त करेगी।
महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना जरूरी : राज्यपाल
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का कहना है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है। विश्व महिला दिवस पर राजभवन ने उत्कृष्ट काम करने वाली फ्रंट लाइन वर्कर्स सहित अन्य महिलाओं को सम्मानित करने का फैसला भी किया है। 
राज्यपाल बेबीरानी मौर्य के मुताबिक महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए लैंगिक समानता और आर्थिक स्वावलंबन जरूरी है। प्रदेश की महिलाएं मेहनती और साहसी हैं। रोजगार सृजन, जैविक कृषि, पर्यटन प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं ने उल्लेखनीय योगदान किया है। महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से भी बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है। ऐतिहासिक दृष्टि से महिला सशक्तीकरण ने प्रत्येक सदी में अपने से पूर्व की सदी की तुलना में निरंतर विकास किया है। 
राज्यपाल के मुताबिक इतना होने पर आज भी महिला सशक्तीकरण का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। महिला सशक्तीकरण के लिए बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना अत्यंत आवश्यक है। यह समय की मांग है। बालिका शिक्षा के सामने बहुत सी चुनौतियां हैं। आज भी सामाजिक कुरीतियों के कारण बालिकाओं को बीच में ही शिक्षा छोड़ कर घरेलू दायित्व पूरे करने पड़ते हैं। बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए सरकार के साथ ही समाज को भी मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। 
राज्यपाल ने कहा कि एक समाज के रूप में महिलाओं की स्थिति में कितना परिवर्तन आया इस पर विचार करना भी जरूरी है। वास्तविक परिवर्तन आम महिलाओं के जीवन में आना जरूरी है। उनके प्रति समाज की सोच में परिवर्तन लाने की जरूरत है। राजभवन की ओर से इस वर्ष विश्व महिला दिवस पर महिला स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों तथा फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना काल में उत्कृष्ट सेवाएं देने के लिए सम्मानित किया जाएगा।