उत्तराखंड: सीएम धामी ने किया प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण

उत्तराखंड: सीएम धामी ने किया प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण
उत्तराखंड: सीएम धामी ने किया प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राजधानी देहरादून के कनक चौक में देश के पहले सीडीएस जनरल पद्म विभूषण बिपिन रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का लोकार्पण किया। इसके साथ ही सीएम धामी ने जनरल विपिन रावत की स्मृति प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना को नाम उनके नाम पर रखा जायेगा। बता दें कि पिछले दिनों सीएम धामी ने उत्तराखंड के लैंसडाउन नगर का नाम जनरल विपिन रावत के नाम पर रखने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने की घोषणा भी की थी। सीएम धामी ने कहा कि यह भव्य प्रतिमा तथा स्मारक स्थल जनरल बिपिन रावत के शौर्य, अदम्य साहस और वीरता का स्मरण कराने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य करेगा। सीडीएस जनरल रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का निर्माण एमडीडीए द्वारा लगभग 50 लाख की लागत से किया गया है।

मुख्यमंत्री ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से देश को जो अपूरणीय क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई कभी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा  भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है। उत्तराखण्ड के युवाओं का सेना में शामिल होना प्रमुख प्राथमिकता रही है। सैन्य सेवा हमारे लिये मात्र रोजगार का अवसर नहीं, वरन देश एवं समाज के लिये जीवन समर्पित करने का उत्कृष्ट अवसर भी है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व.जनरल बिपिन रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी। जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए ही जीए। उनका सेनाध्यक्ष तथा प्रथम सीडीएस बनना ,ये स्पष्ट दर्शाता है कि वे कितने योग्य जनरल थे। सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण तथा देश को रक्षा आवश्यकताओं के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाये जाने हेतु स्व. जनरल बिपिन रावत द्वारा विशेष प्रयास किये गये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान उनका मार्गदर्शन सैनिकों के बहुत काम आया। उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने वीरता के नए नए प्रतिमान स्थापित किए। देश के साथ - साथ उत्तराखंड से भी उनका बड़ा लगाव था।