सीएम मान ने युवाओं से सीधा संवाद करने के लिए अपनी तरह के पहले कार्यक्रम की शुरुआत की

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नौजवानों को राज्य की निर्णय लेने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाने के लिए सोमवार को नौजवानों के साथ सीधा संवाद स्थापित करने के लिए अपनी तरह के पहले प्रोग्राम की शुरुआत की।
राजकीय कन्या महाविद्यालय में प्रथम कार्यक्रम के दौरान छात्राओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है, जिसकी जनसंख्या 40 से कम है।
उन्होंने कहा कि यह आबादी राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकती है, बशर्ते कि उनकी असीमित ऊर्जा का सकारात्मक तरीके से उपयोग किया जाए।
भगवंत मान ने कहा कि यह कार्यक्रम इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है क्योंकि इससे युवाओं को राज्य की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में बराबर का भागीदार बनाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार जल्द ही लड़कियों के लिए विशेष इलेक्ट्रिक वाहन आधारित शटल सेवा शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि यह सेवा राज्य के प्रमुख शहरों पटियाला, लुधियाना, अमृतसर और अन्य में शुरू की जाएगी।
भगवंत मान ने कहा कि यह इन प्रमुख शहरों में लड़कियों के लिए सबसे अच्छा सार्वजनिक परिवहन सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।
उन्होंने कहा कि राजनीति का प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ता है और अगर लड़कियां इस क्षेत्र में आगे आती हैं तो निश्चित रूप से देश की प्रगति और समृद्धि में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
भगवंत मान ने कहा कि लड़कियां समाज के लिए एक संपत्ति हैं और वे कुशल विधायक भी साबित हो सकती हैं, उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान 11 महिला विधायकों ने अपनी पार्टी से भारी जीत दर्ज की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 11 में से दो विधायकों को पदोन्नति देकर उनके मंत्रिमंडल में भी मंत्री बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्य के इतिहास में पहली बार पांच महिला एसएसपी और सात महिला डीसी को विभिन्न जिलों में नियुक्त किया गया है।
भगवंत मान ने कहा कि प्रदेश में छह विशेष महिला थाने स्थापित किये गये हैं और जल्द ही सभी जिलों में ऐसे पुलिस थाने स्थापित किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने हर क्षेत्र में लड़कियों को लड़कों से आगे निकलने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण की लहर को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व का क्षण है कि लड़कियां कड़ी मेहनत और लगन से इन प्रतियोगी परीक्षाओं को पास कर रही हैं। भगवंत मान ने कल्पना की थी कि इससे समाज में गुणात्मक परिवर्तन आएगा।