शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने दूसरी रिपोर्ट में किया खुलासा, ‘सिसोदिया ने नष्ट की थी कानूनी राय वाली कैबिनेट नोट फाइल'

शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने दूसरी रिपोर्ट में किया खुलासा, ‘सिसोदिया ने नष्ट की थी कानूनी राय वाली कैबिनेट नोट फाइल'

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में दायर अपने पूरक आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आबकारी विभाग द्वारा तैयार उस कैबिनेट नोट के मसौदे को ‘नष्ट’ कर दिया, जो 28 जनवरी, 2021 को आयोजित बैठक में मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा गया था।

कैबिनेट नोट का मसौदा कानूनी राय लेने के लिए रंजन गोगोई और के.जी. बालकृष्णन (दोनों भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश), वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और अन्य को भेजा गया था।

सीबीआई ने दावा किया है कि उनकी कानूनी राय ज्यादातर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में थी, जिसका मतलब है कि जो नीति लाई जा रही थी, उसे रोक दिया जाना चाहिए।

28 जनवरी, 2021 को कैबिनेट नोट वाली एक फाइल कैंप ऑफिस (दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास) ले जाई गई। इधर, दिल्ली आबकारी विभाग के अधिकारियों ने केजरीवाल के अतिरिक्त सचिव प्रवेश झा को फाइल सौंपी। के.पी. गुप्ता, जो वित्त सचिव का काम देख रहे थे, ने फाइल पर हस्ताक्षर किए, इसमें सिसोदिया को चिह्न्ति किया गया और झा को वापस दे दिया गया। इसके बाद सिसोदिया को झा ने मंत्रिपरिषद की बैठक के समक्ष रखने से पहले मुख्यमंत्री की मंजूरी लेने के लिए फाइल दी थी। हालांकि बैठक में मंत्रियों की ओर से इस फाइल पर विचार नहीं किया गया।

सूत्र ने चार्जशीट का हवाला देते हुए कहा, “सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी आयुक्त राहुल सिंह को फोन किया, और कैबिनेट नोट में कानूनी विशेषज्ञों की टिप्पणियों को शामिल करने पर अपना गुस्सा प्रकट किया। सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी विभाग या आबकारी अधिकारियों को कैबिनेट नोट वाली फाइल वापस नहीं की। बाद में जब सीबीआई ने कैबिनेट नोट फाइल के बारे में पूछताछ की, तो वित्त विभाग ने बताया कि फाइल गायब है।”