हरियाणा में हार के बाद कांग्रेस प्रभारी बाबरिया देंगे इस्तीफा ?, राहुल गांधी से की बात, स्वास्थ्य कारणों का हवाला
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार के बाद ना सिर्फ प्रदेश के कांग्रेस नेताओं बल्कि प्रदेश प्रभारी के तौर पर कार्य कर रहे दीपक बाबरिया को भी बड़ा झटका महसूस हुआ है। यही कारण है कि अब दीपक बाबरिया ने हाईकमान से अपने इस्तीफे की पेशकश की है। इसके संबंध में दीपक बाबरिया ने राहुल गांधी से बात की है। उन्होंने राहुल गांधी से कहा है कि उनकी जगह किसी और को हरियाणा का प्रभारी नियुक्त किया जाए, उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी। उनका कहना है कि स्वास्थ्य कारणों की वजह से वो अभी समय नहीं दे सकते।
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान 9 सितंबर को दीपक बाबरिया की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। बीपी बढ़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती करवाया गया था।
यहां आपको ये भी बता दें कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस ओबीसी सेल के राष्ट्रीय चेयरमैन और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव ने दीपक बाबरिया पर सवाल उठाए थे। उन्होंने रेवाड़ी में चिरंजीव की हार पर कहा था कि हम लोगों से पूरे चुनाव में कैंपेन कमेटी के किसी भी मेंबर ने संपर्क नहीं किया।
कैप्टन अजय यादव ने कहा था कि हमें किस तरीके से रणनीति बनानी है, किस तरह से लोगों के बीच पहुंचना है, इस बारे में कुछ भी हमें नहीं बताया गया। हमने अपने दम पर और अपने हिसाब से प्रचार करने के लिए लोगों को अपने क्षेत्र में बुलाया। हमारे नेता सीएम कौन, सीएम कौन में व्यस्त थे। यहां तक की प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष खुद चुनाव लड़ रहे थे। प्रभारी बीमार हो गए थे। कैप्टन अजय यादव ने दीपक बाबरिया पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर प्रभारी बीमार थे तो उनकी सीनियर्स से कह कर अपनी जगह किसी और को प्रभारी बनवाना चाहिए था, ताकि वो चुनावों के ठीक पहले तमाम जरूरत को पूरा कर पाते। उन्होंने कहा कि हमारी बात सुनने के लिए कोई फ्रंट फुट पर उपलब्ध नहीं था।
दूसरी ओर हरियाणा में हुई हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई। जिसमें ये तय हुआ कि हार के कारण जानने के लिए फैक्ट फाइडिंग कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी हरियाणा में जाकर नेताओं से चर्चा करके रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेगी।
इस मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा था कि हमारी पार्टी के नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए, इसी वजह से हार हुई।
इसी बीच कांग्रेस नेताओं ने 11 अक्टूबर को दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाकात कर चुनाव आयोग के सामने मांग रखी। चुनाव आयोग से ये मांग की गई कि 20 सीटों पर दोबारा गिनती करवाई जाए, ताकि चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवालों को खत्म किया जा सके। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस को जानबूझकर 20 सीटों पर हराया गया। पहले पार्टी इन सीटों पर आगे चल रही थी। बाद में सीटों पर काउंटिंग प्रोसेस धीमा हो गया। इससे शक पैदा हुआ। चुनाव निष्पक्ष के साथ-साथ पारदर्शी भी होना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा का नतीजा हैरान करने वाला है। हर आदमी समझता था कि कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। सब एक्सपर्ट भी यही कह रहे थे। पोस्टल बैलेट की गिनती में कांग्रेस लीड करती है। EVM की गिनती शुरू हुई तो कांग्रेस डाउन चली जाती है। उन्होंने कहा कि इससे शक पैदा होता है। उन्होंने कहा कि 20 के करीब शिकायतें आ चुकी हैं।
हालांकि सीनियर लीडर और सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा का कहना है कि चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को संगठन की कमी खली है। संगठन से ही कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान मिलता है और संगठन होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उन्हें खुद भी संगठन ना होने का मलाल है।