सीएम धामी ने ली विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ

सीएम धामी ने ली विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ

देहरादून : मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को विधानसभा देहरादून में विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने श्री पुष्कर सिंह धामी को शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड की सम्पूर्ण जनता का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि चम्वावत की देवतुल्य जनता के आशीर्वाद से उन्होंने चम्पावत विधानसभा उपचुनाव में बड़ी जीत हांसिल की। उन्होंने उत्तराखण्ड की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता ने उन्हें जो प्यार, स्नेह एवं आशीर्वाद दिया। उसके लिए वे प्रदेश की जनता के आभारी हैं। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का भी आभार व्यक्त किया। 

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड राज्य को 2025 तक देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के पूरे प्रयास किये जायेंगे। 2025 में जब उत्तराखण्ड राज्य अपनी स्थापना का रजत जंयती वर्ष मनायेगा, उस समय हम हर क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता ने उन पर जो भरोसा जताया है,  उसके अनुरूप उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए वे पूरी क्षमता एवं ऊर्जा से कार्य करेंगे। जन सहभागिता से उत्तराखण्ड का समग्र विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति करे, यह सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है। प्रधामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के धेय वाक्य ‘‘ सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबका प्रयास’’ पर हम सब आगे बढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज उनके साथ प्रदेश के हर व्यक्ति ने प्रदेश के विकास के लिए संकल्प लिया है। यह विकल्प रहित संकल्प है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य अन्त्योदय के मार्ग पर चलना है। प्रदेश की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ‘‘सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि’’ के मंत्र पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दृष्टिपत्र/ संकल्प पत्र में जनता से किये वायदों को गंभीरता से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट में ही हम राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में आगे बढ़े। इसके लिए समिति का गठन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि  देवभूमि उत्तराखण्ड आध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र तो है ही, साथ ही वीरों की भूमि भी है।