उत्तराखंड: जायजाद के लिए दामाद ने सास-ससुर और दो सालियों को मार डाला

उत्तराखंड: जायजाद के लिए दामाद ने सास-ससुर और दो सालियों को मार डाला
उत्तराखंड: जायजाद के लिए दामाद ने सास-ससुर और दो सालियों को मार डाला

रुद्रपुर: उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर में एक खौफनाक हत्याकांड सामने आया है। शहर के ट्रांजिट कैंप क्षेत्र के राजा कालोनी में चार लोगों की हत्या से शहर में सनसनी फैल गई है। यहां एक युवक ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपनी ही सास, ससुर और दो सालियों की हत्या कर दी और शवों को मकान के अंदर ही दफना दिया। खबर है कि युवक ने यह वारदात ससुर की संपत्ति हथियाने के लिए की है। मामला सामने आते ही आइजी कुमायूं और एसएसपी मौके पर पहुंचे। फिलहाल शवों को निकालने के लिए घर में खुदाई करवाई जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक बरेली के मीरगंज निवासी हीरालाल अपनी पत्नी हेमवती और तीन पुत्रियों लीलावती (35), पार्वती (24) और दुर्गा (20) के साथ ऊधमसिंह नगर के ट्रांजिट कैंप में अपने मकान में रहते थे। उनकी बेटी लीलावती नें मीरगंज के ही नरेंद्र गंगवार ने सात साल पहले प्रेम विवाह कर लिया और हीरालाल के ट्रांजिट कैंप स्थित आवास पर ही रहने लगा। 2015 में कुछ अनबन होने के बाद हीरालाल ने बेटी और दामाद नरेन्द्र और बेटी लीलीवती को घर से निकाल दिया। उसके बाद नरेंद्र ट्रांजिट कैंप में ही किराए के मकान में रहने लगा। पुलिस के मुताबिक उसी समय नरेंद्र और उसकी पत्नी ने योजना  बना ली थी कि हीरालाल को परिवार समेत खत्म कर दिया जाए और बरेली के मीरगंज समेत ट्रांजिट कैंप की संपत्ति पर कब्जा कर लिया जाए।
योजना के मुताबिक नरेंद्र और लीलावती ने डेढ़ साल पूर्व हीरालाल, हेमवती, पार्वती और दुर्गा को उनके घर में घुसकर मार दिया और उन्हीं के मकान में शव भी दफना दिया। कुछ दिन पूर्व दोनों ने बरेली के मीरगंज स्थित जमीन और मकान को अपने नाम कराने का प्रयास शुरू कर दिया। इस की सूचना मिलने पर रिश्तेदारों को शक हुआ और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने जब नरेंद्र को पकड़कर पूछताछ की तो उसने पूरा घटनाक्रम उगल दिया। पुलिस शवों को निकालने के लिए मकान के अंदर खुदाई करवा रही है।
ऐसे खुला मामला
 हीरालाल का बरेली के मीरगंज में मकान और 12 बीघा खेत है। जिसकी देख रेख वहां दुर्गाप्रसाद करते हैं। नरेन्द्र का उसी प्रॉपर्टी को अपने नाम कराने को लेकर सास-सुर से विवाद हुआ था। उसके बाद ही वह और उसकी पत्नी बच्चों के साथ रुद्रपुर स्थित ट्रांजिट कैंप वाले मकान से निकलकर अलग रहने लगे था। अगस्त में नरेन्द्र बरेली मीरगंज गया था। जहां मकान और खेतों की देख रेख कर रहे दुर्गाप्रसाद से उसने बताया कि उसके ससुर और साली की मौत हो चुकी है। जिनका उसने पिछले साल ही अंतिम संस्कार कर दिया था। जबकि सास और साली एक साल से लापता हैं। लिहाजा वह प्रॉपर्टी अब नरेन्द्र के नाम कर दें। दुर्गा प्रसाद को नरेन्द्र की बात पर संदेह हुआ। जिसके बाद वे रुद्रपुर आ गए। आसपास के लोगों से पूछताछ की पता चला कि मकान एक साल से बंद है। उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने जब हिरासत में लेकर पूछताछ की तो नरेन्द्र ने पत्नी और साथी विजय के साथ मिलकर हत्या की बात कुबूली।