उत्तराखंड के इस गांव में खांसी- बुखार से हो गई 15 लोगों की मौत!

उत्तराखंड के इस गांव में खांसी- बुखार से हो गई 15 लोगों की मौत!
सांकेतिक तस्वीर

रुड़की: यूपी सटे उत्तराखंड के गांवों में कोरोना जमकर कहर बरपा रहा ही है। वहीं हरिद्वार के नारसन ब्लॉक के लिब्बरहेड़ी गांव में 15 दिन में खांसी-बुखार से 35 मौतें हो चुकी हैं। गांव के तमाम घरों में खांसी और बुखार से पीड़ित लोग हैं। ग्रामीणों के मुताबिक इस  गांव में करीब पांच सौ लोग बीमार हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि यहां के लोग टेस्ट कराने से कतरा रहे हैं और प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का लचर रवैया जान पर भारी पड़ रहा है। गांव वाले जहां इसे अभी भी संदिग्ध बुखार मान रहे हैं। 
ये हैरानी की ही बात है कि कोरोना महामारी के दौर में संदिग्ध बुखार मानकर लोग अपनी जान खुद जोखिम में डाल रहे हैं। गांव में एक मौत भी हो जाए तो मातम पसर जाता है, ऐसे में उस गांव के माहौल का अंदाजा लगाते हुए भी रूह कांप जाती है जहां आए दिन कोई न कोई व्यक्ति अपनी जांन गंवा रहा है। ग्रामीणों का कहना है गांव में बीती 24 अप्रैल को एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत हुई। इसे सामान्य मौत मानकर गांववालों ने इस पर खास ध्यान नहीं दिया। लेकिन इसके दो दिन बाद गांव में फिर एक शख्स की मौत हुई।उत्तराखंड: मदद के लिए जारी व्हाटसएप नंबर पर भेजे गए अश्लील वीडियो और फोटो

30 अप्रैल आते-आते गांव में 4 मौतें हो चुकी थीं। बीती 11 मई को तो गांव में एक साथ छह मौतें हुईं। अधिकतर लोगों की मौत गांव में ही हुई। हालांकि कुछ लोगों ने अपने मरीजों को रुड़की, मंगलौर, देहरादून, मेरठ आदि जगह भी भर्ती किया। इनमें भी कई लोगों की अस्पताल में मौत हुई। अब गांव में आलम ये है कि श्मशान घाट में एक साथ दो से तीन चिताएं जल रही हैं। अभी भी गांव में करीब 500 लोग ऐसे हैं, जिन्हें बुखार और खांसी की शिकायत है।
 वहीं अपर उपजिलाधिकारी रुड़की पूरण सिंह राणा का कहना है कि कोविड के कारण ही मौतें हुई हैं, यह नहीं कहा जा सकता। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव भेजा गया था, इस दौरान 80 सैंपल लिए गए हैं। जिनमें से एक व्यक्ति की ही रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। रविवार से स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम गांव में जांच करेगी। उनका कहना है कि गांव में लोगों को सैंपल देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सैंपलिंग कराने के लिए तैयार नहीं है। बताया कि जब तक लोग सैंपल नहीं कराएंगे तो उपचार शुरू करने में दिक्कत आती रहेगी। बहरहाल प्रशासन की टीम गांव में पहुंच गई है और गांव को सैनेटाइज किया जा रहा है।