उपचुनाव लड़ने पर सीएम तीरथ ने दिया दो टूक जवाब, पढ़ें क्या बोले सीएम

उपचुनाव लड़ने पर सीएम तीरथ ने दिया दो टूक जवाब, पढ़ें क्या बोले सीएम
उपचुनाव लड़ने पर सीएम तीरथ ने दिया दो टूक जवाब, पढ़ें क्या बोले सीएम

देहरादून: उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत के उपचुनाव को लेकर उठ रहे सवालों के बाद खुद इस मामले का पटाक्षेप यह कहकर कर दिया है कि उपचुनाव वह किस सीट से लड़ेंगे, यह फैसला पार्टी का आलाकमान करेगा। सीएम तीरथ ने कहा कि वह हमेशा पार्टी के फैसलों को शिरोधार्य करते रहे हैं और पार्टी उनके लिए जो कुछ भी तय करेगी, वह स्वीकार करेंगे। उन्होंने पार्टी के प्रति इस बात के लिए भी आभार जताया कि कठिन समय के दौरान पार्टी ने सीएम पद की जिम्मेदारी के लिए उनका चयन किया।

बता दें कि संवैधानिक बाध्यता के चलते मुख्यमंत्री बने रहने के लिए तीरथ सिंह रावत को विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है जबकि वह लोकसभा के सदस्य हैं। समाचार एजेंसी एएनआई की​ एक रिपोर्ट की मानें तो इस मामले में चर्चा छिड़ने के बाद रावत ने कहा कि 'मैं इस बारे में फैसला नहीं करूंगा, पार्टी करेगी। दिल्ली तय करेगी कि मुझे कहां से चुनाव लड़ना है और मैं आदेश का पालन करूंगा।' इस बयान के बाद साफ तौर पर उन अटकलों पर विराम लग गया है, जिनके हवाले से कहा जा रहा था कि उत्तराखंड में उपचुनाव की संभावना न के बराबर है। ये भी पढे़ं: बिग ब्रेकिंग : उत्तराखंड में आज फिर बढ़े नए कोरोना संक्रमित, पढ़िए आज का कोरोना बुलेटिन
कांग्रेस नेता के दावे से शुरू हुई बहस?
दरअसल इस बात को लेकर चर्चा तब शुरू हुई थी, जब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे नवप्रभात ने यह दावा किया था कि अगले साल मार्च में विधानसभा चुनाव हैं, तो एक साल से भी कम समय होने के चलते राज्य में उपचुनाव नहीं करवाए जा सकते। ऐसे में, उन्होंने रावत के सीएम पद पर बने रहने पर 'संवैधानिक संकट' कहा था। हालांकि विशेषज्ञों ने बताया था कि चुनाव आयोग उपचुनाव का फैसला ऐसे में भी कर सकता है, जबकि राज्य में विधानसभा चुनावों को लेकर साल भर से भी कम वक्त बचा हो। गौरतलब है कि मार्च में सीएम बनाए गए रावत को 9 सितंबर तक विधायक के रूप में चुना हुआ जनप्रतिनिधि होना होगा, तभी वह संवैधानिक रूप से सीएम पद पर बने रह सकेंगे।