DRDO की कोरोना इलाज में मददगार दवा लॉन्च, यहां दी जाएगी सबसे पहले

DRDO की कोरोना इलाज में मददगार दवा लॉन्च, यहां दी जाएगी सबसे पहले

नई दिल्ली :कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार में सहायक रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित दवा 2-डीजी (2-deoxy-D-glucose) लॉन्च की गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डीआरडीओ के मुख्यालय में सोमवार यानी आज सुबह 10:30 बजे कोरोना की इस दवा की पहली खेप लॉन्च की। अब इन्हें मरीजों को दिया जा सकता है। इस दवा को सबसे पहले दिल्ली के डीआरडीओ कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिया जाएगा। इस दवा का नाम 2-डीऑक्सि-डी-ग्लूकोज (2-DG) है। डीआरडीओ की यह दवा ऐसे समय में आई है, जब कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है और तीसरी लहर की बात हो रही है। कोरोना की देसी दवा 2-डीजी  पाउडर के रूप में पैकेट में आती है और इसे पानी में घोल कर पीना होता है।
डीसीजीआई ने दे दी आपात इस्तेमाल को पहले ही मंजूरी 
रक्षा मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि कोविड-19 के माध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। आपको बता दें कि कोरोना के नए मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए डीसीजीआई ने इस दवा के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। डीसीजीआई के मुख्यालय में सोमवार यानी 17 मई को कार्यक्रम में दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने इस दवा को लॉन्च किया। 
ये दवा कैसे काम करती है?
वायरस से हमारे शरीर में जब कुछ सेल्स इन्फेक्ट हो जाते हैं, तब वे ज्यादा ग्लूकोज मांगते हैं. हम मरीज को ग्लूकोज का यह बदला हुआ रूप देते हैं, तो इसके साथ-साथ 2डीजी भी उन सेल्स में जाता है और वायरस की ग्रोथ में रुकावट आ जाती है. जब हम मरीज को सुबह शाम इसकी डोज देते हैं तो वायरस आगे ग्रो नहीं कर पाता और तब हमारा सिस्टम वायरस को खत्म करने में मदद करता है.
इस दवा को कैसे लेना है?
ये दवा पाउडर के रूप में आती है. इसे पानी में घोलकर आपको पीना होता है.
क्या इंफेक्शन के पहले दिन से ही ये दवा दी जा सकती है?
हां, इस दवा का जो मैकेनिज्म है वह शुरुआती दौर में लेने में भी बहुत फायदा करेगा. अभी मॉडरेट से सीवियर मरीजों पर इसके इस्तेमाल की अनुमति मिली है, आगे जैसे-जैसे दवा का प्रयोग बढ़ेगा, ड्रग कंट्रोलर से ही आगे के दिशा-निर्देश लिए जाएंगे.
क्या कोरोना महामारी में इस दवा को गेम चेंजर कहा जाएगा?
दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों की रिकवरी में तेजी ला सकती है और मेडिकल ऑक्सीजन पर उनकी निर्भरता को कम कर सकती है. अस्पताल के परीक्षणों में यह पाया गया कि 42% रोगी, जिन्हें प्रतिदिन दो पाउच दवा दी जाती थी, तीसरे दिन तक ऑक्सीजन समर्थन से बाहर हो गए. ऐसे में मानक इलाज के तहत, तीसरे दिन तक केवल 30% रोगी ऑक्सीजन सहायता से बाहर हो जाते हैं.ये दवा मॉडरेट और गंभीर कोविड मामलों में प्रभावी पाई गई है. ऐसे में 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर भी ये अच्छी तरह से काम करती है, इसे कोरोना के इलाज में एक सहायक आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी गई है. दूसरे शब्दों में, यह कोई चमत्कारिक इलाज नहीं है. ऐसे में इसे कोरोना प्रोटोकॉल और पूरे इलाज का एक हिस्सा ही माना जाएगा.
इस दवा की कितनी कीमत होगी?
2डीजी (2DG) की कीमत की घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि हर पाउच की कीमत 500-600 रुपये होने की उम्मीद है. डीआरडीओ का कहना है कि 2-डीजी का बड़े पैमाने पर आसानी से उत्पादन किया जा सकता है. इस परियोजना में डीआरडीओ के उद्योग भागीदार डॉ. रेड्डीज लैब ने पहले ही अस्पतालों के लिए सीमित मात्रा में दवाओं का उत्पादन शुरू कर दिया है. यह फिलहाल काउंटर पर उपलब्ध नहीं होगा.