उत्तराखंड:मिटी दो जिलों की दूरियां, सीएम ने किया जानकी सेतु का लोकार्पण

उत्तराखंड:मिटी दो जिलों की दूरियां, सीएम ने किया जानकी सेतु का लोकार्पण
उत्तराखंड:मिटी दो जिलों की दूरियां, सीएम ने किया जानकी सेतु का लोकार्पण

ऋषिकेश: दो जिलों की दूरियों को पाटने वाले पुल का सीएम त्रिवेन्द्र ने आज लोकार्पण किया। टिहरी और पौड़ी जिलों के बीच मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम को जोड़ने वाला जानकी सेतु आज से आम जनता के लिए खुल गया है। लंबे समय इस पुल की प्रतीक्षा की जा रही थी। इसका निर्माण मार्च 2013 में शुरू हुआ था। तमाम अड़चनों के कारण यह पुल समय पर तैयार नहीं हो पाया। लंबे इंतजार के बाद तैयार हुए जानकी सेतु का शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कबीना मंत्री सुबोध उनियाल और यमकेश्वर विधायक रितु खंडूरी ने संयुक्त रुप से लोकार्पण किया।
मुनिकीरेती के कैलाश गेट स्थित पूर्णानंद घाट से स्वर्गाश्रम के वेद निकेतन के बीच गंगा नदी पर 346 मीटर लंबा और 3.9 मीटर चौड़ा थ्री-लेन ब्रिज तैयार हो गया है।  2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने इस पुल का शिलान्यास किया था। मगर, तमाम अड़चनों के कारण यह पुल तय समय पर पूरा नहीं हो पाया। बहरहाल क्षेत्रीय विधायक व वर्तमान में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के प्रयासों से पिछले तीन वर्षों में इस पुल के निर्माण में तेजी आई और अब करीब 59 लाख रुपये की लागत से यह थ्री लेन का जानकी सेतु तैयार हो चुका है।  


रामझूला पुल का भार होगा हल्का
मुनिकीरेती-स्वर्गाश्रम के बीच आवाजाही के लिए फिलहाल रामझूला पुल पर ही पूरा दारोमदार है, लेकिन अब जानकी सेतु के खुलने के बाद रामझूला पुल का भार कम हो जाएगा। रामझूला पुल पर आम दिनों में तो भीड़ रहती ही है, कुंभ और कांवड़ मेले जैसे आयोजनों के दौरान इस पुल पर भारी दबाव बढ़ जाता है। कुंभ मेले के दौरान तो यहां पांटून ब्रिज का निर्माण करना पड़ता था। बीते वर्ष लक्ष्मणझूला पुल के बंद होने के बाद रामझूला पुल का दबाव और भी अधिक बढ़ गया था, जिससे जानकी सेतु के निर्माण को लेकर और भी दबाव बढ़ने लगा था।