उत्तराखंड:रोमांच के शौकीनों के लिए खुल गई ऐतिहासिक गर्तांग गली

उत्तराखंड:रोमांच के शौकीनों के लिए खुल गई ऐतिहासिक गर्तांग गली
उत्तराखंड:रोमांच के शौकीनों के लिए खुल गई ऐतिहासिक गर्तांग गली

उत्तरकाशी: उत्तराखंड की ऐतिहासिक गर्तांग गली पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। बुधवार को उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक व जिला पर्यटन विकास अधिकारी को गर्तांग गली को पर्यटकों के लिए खोलने के निर्देश दिए। उन्होंने यहां आने वाले पर्यटकों से कोविड एसओपी का अनुपालन कराने एवं भैरवघाटी के पास चेकपोस्ट बनाकर क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों का पंजीकरण करने के निर्देश दिए। आगे देखें वीडिय़ो   

किसने और कब बनवाया ये हैरतंगेज रास्ता?

कहा जाता है कि 17वीं सदी में नेलांग-जादूंग के एक सेठ व्यापारी के कहने पर पेशावर के पठानों ने गर्तांग गली के ऊपर खड़ी चट्टानों पर करीब 150 मीटर लम्बी सीढ़ियां तैयार की थी, जो आज भी इंजीनियरिंग के लिए एक मिसाल है। इन सीढ़ियों से भारत-तिब्बत के बीच व्यापार किया जाता था, जो भारत-चीन युद्ध के बाद बन्द हो गया। वहीं, युद्ध के समय अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंचने के लिए भारतीय सेना ने भी इसी मार्ग का प्रयोग किया था। बाद में चलन से बाहर होने पर ट्रेक क्षतिग्रस्त हो गया।आगे देखें वीडिय़ो      
एक बार में अधिकतम 10 लोग ही जा सकेंगे 
हाल में इस ट्रेक का जीर्णोद्धार कर 136 मीटर लंबे व 1.8 मीटर चौड़े लकड़ी से निर्मित सीढ़ीदार ट्रेक तैयार किया गया है, जिसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। पर्यटकों व ट्रेक की सुरक्षा के लिए एक बार में अधिकतम 10 लोग ही जा सकेंगे। ट्रेक में झुंड बनाकर आवागमन करने या एक जगह बैठने पर भी पाबंदी होगी। सुरक्षा के दृष्टिगत ट्रेक की रेलिंग से नीचे झांकने पर भी पाबंदी लगाई गई है। 
कैसे पहुंचें गर्तांग गली
देहरादून तक ट्रेन व वायुमार्ग तक आने की सुविधा है। निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जो उत्तरकाशी से करीब 100 किमी की दूरी पर है। यहां से सड़क मार्ग से होते हुए उत्तरकाशी जिला मुख्यालय तक पहुंचना होगा। राज्य परिवहन की बसे नियमित रूप से उत्तरकाशी और ऋषिकेश के बीच चलती हैं। उत्तरकाशी से लंका पुल तक करीब 88 किमी तक सड़क मार्ग का सफर है। लंका पुल से करीब एक किमी पैदल ट्रेक के बाद गर्तांग गली शुरू होती है। देखें वीडिय़ो