गरतांग गली में जाहिलाना हरकत करने वालों के खिलाफ केस दर्ज
उत्तरकाशी: प्रशासन ने ऐतिहासिक और रोमांचकारी गरतांग गली का पुनर्निमाण कराया, उसे बेहतर बनाया ताकि पर्यटक प्रकृति के खूबसूरत नजारे देख सकें, रोमांच का अनुभव कर सकें लेकिन यहां पर्यटकों के साथ कुछ जाहिल भी पहुंच गए और अपनी जाहिलाना हरकतों की छाप भी छोड़ आए। लेकिन अब प्रशासन इस तरह की जाहिलाना हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है। फिलहाल गरतांग गली को बदरंग करने के आरोप में गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा लिया है। कुछ दिन पूर्व असामाजिक तत्वों ने यहां बनी लकड़ी की रेलिंग को कुरेद कर अपना नाम लिख दिया था। गली को बदरंग किए जाने पर पार्क प्रशासन सकते में है।
गरतांग गली को बदरंग करने वालों के खिलाफ गंगोत्री नेशनल पार्क ने कानूनी कार्रवाई की है। गरतांग गली को 59 साल बाद खोला गया है। वर्ष 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान सुरक्षा कारणों के चलते इसे बंद कर दिया गया था। इसे पर्यटकों को खोलने से पहले गली में बने लकड़ी के पुल की मरम्मत की गई थी। लकड़ी के पुल की तख्तियां व रेलिंग जर्जर हो गई थी। लोनिवि ने करीब 600 मीटर लंबी लकड़ी के पुल को पूरी तरह नया बनाया है।
गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप पंवार का कहना है कि गरतांग गली में अव्यवस्थाएं फैलाने या नुकसान पहुंचाने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं हर्षिल थानाध्यक्ष संनीप पांडे ने बताया कि गंगोत्री पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप सिंह पंवार की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ उत्तराखंड लोक संपत्ति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की विवेचना की जा रही है। जल्द आरोपियों को तलाश कर लिया जाएगा।
अब और भी सुरक्षित व रोमांचकारी होगी गरतांग गली
गंगोत्री नेशलन पार्क प्रशासन गरतांग गली की यात्रा को सुरक्षित और अधिक रोमांचकारी बनाने जा रहा है। इसके लिए यहां पर्यटकों को सुरक्षा मुहैय्या कराने के साथ ही कुछ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। पार्क प्रशासन ने यहां निर्माण कार्य करने से पूर्व नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) को सुरक्षात्मक व्यवस्थाओं की समीक्षा करने को कहा था। निम के अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट पार्क प्रशासन को भेजी जा रही है।
गरतांग गली में पर्यटकों की आवाजाही देखकर कर गंगोत्री पार्क प्रशासन इसे और सुरक्षित और रोमांचकारी बनाने जा रहा है। पार्क प्रशासन का कहना है कि ट्रेक को और अधिक सुविधा जनक बनाया जाएगा। इसके अलावा यहां सुरक्षात्मक कार्य भी किए जाएंगे। निर्माण कार्य कैसे होंगे, अभी सुरक्षा व्यवस्थाओं की क्या स्थिति है। इस सब की समीक्षा करने के लिए निम को कहा गया था। निम की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।
वहीं निम के अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षात्मक समीक्षा कार्य पूर्ण कर लिया है, जिसकी फाइनल रिपोर्ट पार्क प्रशासन को भेजी जा रही है। वन क्षेत्राधिकारी प्रताप सिंह ने बताया कि पार्क प्रशासन गरतांग गली ट्रेक के समाप्ति छोर से करीब दो किमी आगे जाड़ गंगा पर झूला पुल बनाने पर विचार कर रहा है। पूर्व में कभी यहां पर लकड़ी का पुल था, जिसके अवशेष आज भी हैं। पुल बनने से गरतांग गली से नेलांग घाटी वाले मोटर मार्ग से संपर्क होगा।