चमोली: सड़क का डामरीकरण न हुआ तो में चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

चमोली: सड़क का डामरीकरण न  हुआ तो में चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
चमोली: सड़क का डामरीकरण न हुआ तो में चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

थराली (मोहन गिरी): कहते हैं किसी गांव का विकास देखना हो तो उस गांव तक पहुंचने वाली सड़क की स्थिति देख लो। गांव तक पहुंचने वाली सड़क की स्थिति गांव और क्षेत्र के विकास की कहानी बयां कर देगी। अब जरा स्क्रीन पर दिख रही इन तस्वीरों पर गौर कीजिए ये तस्वीरें बता देंगी कि पहाड़ों में किस तरह के विकास का दम सरकारें भर रही हैं। ये तस्वीरें थराली विधानसभा क्षेत्र के पर्यटन नगरी के नाम से जाने जाने वाले ग्वालदम क्षेत्र से गुजर रही ग्वालदम -खम्पाधार -चिडिंगा मोटरमार्ग की है। आप इन तस्वीरों को देखकर इन्हें ग्रामीणों के खेत समझने की भूल मत मत बैठिएगा, दरअसल थराली लोक निर्माण विभाग और जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन प्रशासन इसे सड़क कहते हैं। अलबत्ता ये बात अलग है कि बारिश के चलते कीचड़ से सराबोर इस सड़क पर ग्रामीण जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने को मजबूर हैं और अब तक भी सड़क की स्थिति नही सुधरने पर धरना प्रदर्शन के साथ ही 2022 के विधानसभा चुनाव बहिष्कार का भी मन बना चुके हैं।
दरअसल 2013 में लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्वालदम से चिंडिंगा तक 7 किमी की सड़क काटी जिससे इस बीच की दूरी पर पड़ने वाले लगभग 5 से 7 गांवो के ग्रामीणों को सड़क मार्ग से तो जोड़ा ही गया इसके साथ ही देवाल ,थराली मुख्यालय तक का सबसे सुगम मार्ग भी इसी रुट से बनाया गया। 2014 में सड़क की कटिंग का कार्य खत्म हुआ लेकिन 7 साल बाद भी शासन प्रशासन इस सड़क पर डामरीकरण तो दूर  दीवारें,नालियां और पुश्ते तक नहीं बना पाया। ग्रामीण लगातार इस मोटरमार्ग पर डामरीकरण करने की मांग कर रहे हैं ताकि इस सड़क पर चलते हुए जोखिम कम से कम हो ,कोई हादसा न हो। लेकिन थराली का लोक निर्माण विभाग दो कदम आगे निकला मार्ग को सुधारने की बजाय सड़क के दोनों प्रवेश द्वारों पर साइन बोर्ड लगाकर इतिश्री कर दी और मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया। हालांकि इस मोटरमार्ग पर कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता राजदीप बिष्ट का कहना है कि मोटरमार्ग पर सड़क कटिंग का कार्य पूरा होने समय से ही आवाजाही प्रतिबंधित है और जो लोग भी यहां से आवजाही कर रहे हैं वे अपने रिस्क पर कर रहे हैं। हालांकि कनिष्ठ अभियंता साहब का ये भी कहना है कि विभाग द्वारा ये साइन बोर्ड 2020 यानी सड़क कटिंग के 6 साल बाद लगाया गया। 
ग्रामीणों की माने तो सड़क मार्ग पर पहले भी दुर्घटनाएं हुई है और 2020 में हुई  एक दुर्घटना में एक व्यक्ति को अपनी जान तक गंवानी पड़ी। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने सड़क को आवाजाही के लिए प्रतिबंधित मानते हुए सड़क के दोनों छोरों पर ये साइन बोर्ड लगवा दिया। यानी विभाग ने हादसे से सबक तो ले लिया मोटरमार्ग को प्रतिबंधित भी करार दे दिया लेकिन इस मोटरमार्ग पर अब भी वाहनों की आवजहि होती है। इस आवाजाही को सुरक्षित बनाने के लिए अब तक भी शासन द्वारा डामरीकरण और पार्ट 2 की स्वीकृति नही मिल पाई है हालांकि थराली लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सतबीर सिंह यादव के मुताबिक उनके द्वारा शासन को तकरीबन4 करोड़ का इस्टीमेट बनाकर भेजा गया है स्वीकृति मिलने के बाद ही इस सड़क का जीर्णोद्धार हो सकेगा। 
बहरहाल ग्रामीणों ने सड़क की कायाकल्प करने के लिए अब उग्र रास्ता अख्तियार करने का मन बना लिया है ग्वालदम में यहां के जनप्रतिनिधियों ने बैठक कर सरकार को एक माह का समय देते हुए धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी देने के साथ ही चुनाव बहिष्कार की तक चेतावनी दे डाली है ग्रामीणों का कहना है रोड नही तो वोट नहीं।