अकाली दल की कानूनी शाखा ने चालीस से अधिक सिख नौजवानों को झूठे मुकदमों में फंसाने की आजादी दिलाई - सुखबीर बादल

अकाली दल की कानूनी शाखा ने चालीस से अधिक सिख नौजवानों को झूठे मुकदमों में फंसाने की आजादी दिलाई - सुखबीर बादल

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा कि उनकी लीगल विंग 40 से अधिक नौजवानों को आज़ादी दिलाने में सफल रही है, जिन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया है। उन्होंने पार्टी के नेताओं और वर्कर्स से अपील की कि सिख नौजवानों की गिरफ्तारी को यकीनी बनाने के लिए दोगुनी कोशिशें की जाएं। 

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि सिख युवाओं को कानूनी सहायता प्रदान की गई थी जिसके कारण उन्हें मलौत, बरनाला, अजनाला और बाबा बकाला के मामलों में जमानत मिली थी। उन्होंने कहा कि भावनात्मक सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने के लिए युवाओं को जेल में बंद नहीं किया जाना सुनिश्चित करने के लिए पार्टी सक्रिय रूप से काम कर रही है।

आप सरकार से सिख नौजवानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करने की मांग करते हुए श्री सुखबीर बादल ने कहा कि बिना पर्याप्त कारण के अचानक गिरफ्तारियां समाज में दरार पैदा करेंगी और अंतत: शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करेंगी।

यह कहते हुए कि कानून और व्यवस्था की स्थिति के कुप्रबंधन ने पंजाब पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, बादल ने कहा, "न केवल हमने राज्य में औद्योगिक निवेश खो दिया है, बल्कि घरेलू उद्योग भी दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि इसके विपरीत तत्कालीन एस प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली सरकारों के दौरान शांति और सांप्रदायिक सद्भाव की अवधि के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण हुआ था, चाहे वह सड़क हो या हवाई नेटवर्क इसके अलावा पंजाब को बिजली सरप्लस बनाने के लिए किए गए कदम थे। उन्होंने कहा कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार ने न केवल इन उपलब्धियों को भुला दिया है बल्कि विकास कार्यों को पूरी तरह से बंद कर दिया है।

इस बीच श्री बादल ने खुलासा किया कि यह लगातार तीसरी फसल है जो प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को धान और कपास की फसल उगाने के दौरान हुए नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा,“अब ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण राज्य में गेहूं की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। सरकार को उन सभी किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा जारी करना चाहिए जिनकी गेहूं की फसल खराब मौसम के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को हाल ही में हुई ओलावृष्टि और यहां तक कि राज्य में आए तूफान को प्राकृतिक आपदा घोषित करने के लिए भी मामला उठाना चाहिए और किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए फंड जारी करना सुनिश्चित करना चाहिए।