पंजाब सरकार ने जनता के लिए रेत की बिक्री के लिए खदानों को अधिसूचित किया

पंजाब सरकार ने जनता के लिए रेत की बिक्री के लिए खदानों को अधिसूचित किया

खनन की पिछली नीति से पूरी तरह हटकर, राज्य सरकार ऐसी साइटों के साथ आई है जो विशेष रूप से जनता के लिए खनन सामग्री की पेशकश करेगी।

पंजाब राज्य लघु खनिज नीति, 2023 के अनुसार, सोमवार को अधिसूचित, सरकार ने खनन स्थलों को दो वर्गों में विभाजित किया है - वाणिज्यिक खनन स्थल (सीएमएस) और सार्वजनिक खनन स्थल (पीएमएस)। जबकि सीएमएस को अलग-अलग समूहों में बांटा जाएगा। यह पीएमएस स्टैंडअलोन साइट होगी।

अधिसूचना के अनुसार प्रत्येक सार्वजनिक खनन स्थल का संचालन खनन एवं भूतत्व विभाग या विभाग द्वारा नामित कोई एजेंसी या अधिकारी करेगा। इन स्थलों पर केवल हाथ से बालू उत्खनन की अनुमति होगी। उत्खनित बालू का व्यवसायिक कार्यों में उपयोग नहीं किया जायेगा।

इसके अलावा, उपभोक्ताओं को सार्वजनिक खनन स्थलों पर रेत उत्खनन और उसके परिवहन के लिए वाहन और/या श्रम की व्यवस्था करने की अनुमति होगी। सार्वजनिक खनन स्थलों पर, रेत को पिट-हेड मूल्य और जीएसटी पर बेचा जाएगा। रेत के उत्खनन, लदाई एवं परिवहन का व्यय उपभोक्ता अपने स्तर पर वहन करेगा।

किसी भी सार्वजनिक खनन स्थल पर टिपर या जेसीबी जैसी भारी मशीनरी का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। यदि कोई भारी मशीनरी का प्रयोग करते हुए पाया जाता है तो उस पर अवैध खनन के अपराध का मुकदमा चलाया जाएगा।

किसी भी व्यावसायिक परियोजना में सामग्री का उपयोग नहीं करने के लिए सार्वजनिक खानों से क्रेता जिम्मेदार होगा। यदि कोई सार्वजनिक खदान से ली गई सामग्री का व्यावसायिक परियोजना के लिए उपयोग करता पाया जाता है, तो वह डेवलपर से वसूली योग्य रेत के पिट हेड मूल्य के तीन गुना के बराबर राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा।

दिलचस्प बात यह है कि प्रत्येक वाणिज्यिक और साथ ही सार्वजनिक खदान साइट में एक इलेक्ट्रॉनिक वे-ब्रिज होगा, जो एक केंद्रीय सर्वर के साथ एकीकृत होगा। बिना उचित तौल पर्ची के बालू ढोते हुए पाये गये किसी भी वाहन को खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) अधिनियम, 1957 के प्रावधानों अथवा उसके अधीन बनाये गये नियमों के अधीन जब्त कर लिया जायेगा।

इसके अलावा व्यावसायिक स्थलों से बालू के परिवहन में प्रयुक्त होने वाले सभी व्यवसायिक वाहनों का बालू पोर्टल पर पंजीयन किया जायेगा। इन वाहनों में होलोग्राम और ऐसी अन्य अंकन सुविधाएं होंगी, जैसा कि सरकार द्वारा समय-समय पर आदेश दिया जा सकता है।