हरियाणा बीजेपी को मिला नया अध्यक्ष, मोहन लाल बड़ौली को दी गई बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी, क्या ब्राह्मण कार्ड खेल बीजेपी को होगा फायदा ?

हरियाणा बीजेपी को मिला नया अध्यक्ष, मोहन लाल बड़ौली को दी गई बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी, क्या ब्राह्मण कार्ड खेल बीजेपी को होगा फायदा ?

हरियाणा में विधानसभा चुनावों के चलते सियासी हलचल तेज हो गई है। हरियाणा की मुख्य पार्टियां इस सियासी समर में अपनी-अपनी तैयारी में लगी हुई हैं। जनता के बीच जा रही हैं। संगठन के तौर पर अपनी मजबूती बढ़ा रही हैं। इसी बीच बीजेपी ने भी अपना नया प्रदेश घोषित कर दिया है। मोहन लाल बड़ौली के रूप में हरियाणा बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिला है। अब तक सीएम नायब सैनी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे लेकिन अब क्योंकि वो प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं तो ऐसे में किसी और को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी ही जानी थी। और अब ये जिम्मेदारी मोहन लाल बड़ौली को दी गई है। पार्टी के इस फैसले पर ये कहा जा रहा है कि पार्टी ने ब्राह्मण कार्ड खेला है। जिसका उसे फायदा मिलेगा या नहीं ये तो चुनाव होने के बाद नतीजे ही तय कर पाएंगे लेकिन बीजेपी ने प्रदेश में जिस तरह लोकसभा चुनाव से पहले एक ओबीसी को प्रदेश का मुखिया यानी मुख्यमंत्री बनाकर ओबीसी वोट बैंक को साधने की कोशिश की और अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ब्राह्मण को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी तो इससे ये जरूर साफ है कि बीजेपी प्रदेश में बैलेंस बनाने की कोशिश कर रही है। कि जहां एक तरफ पिछड़ा वर्ग साथ तो साथ ही ब्राह्मण भी पार्टी के साथ आएं। क्योंकि यहां ये जानना भी जरूरी है कि हरियाणा में ओबीसी और ब्राह्मण कुल आबादी का 35 फीसदी हैं। ऐसे में प्रदेश की राजनीति में इनकी हिस्सेदारी महत्वपूर्ण हो जाती है।

बात करें कि मोहन लाल बड़ौली की राजनीति में कैसे शुरुआत हुई तो आपको बता दें कि सोनीपत जिले की राई तहसील रे गांव बड़ौली में जन्मे मोहन लाल बड़ौली के पिता का नाम पंडित काली राम कौशिक था जो विख्यात कवि थे। इतना ही नहीं वो पंडित लख्मीचंद की रागनियों के बड़े प्रशंसक थे। मोहन लाल बड़ौली खुद एक किसान होने के साथ-साथ कपड़े के व्यापारी भी रहे हैं। 1989 में मोहन लाल बड़ौली आरएसएस से जुड़े थे। साल 1995 में वो बीजेपी में आए और उन्हें मुरथल का मंडल अध्यक्ष बनाया गया।

आपको बता दें कि मोहन लाल बड़ौली को इनेलो के राज के दौरान जिला पार्षद चुना गया था। साल 2019 में उन्होंने राई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। ये पहली बार था कि जब राई से बीजेपी की टिकट पर कोई व्यक्ति विधायक बना था। साल 2020 में वो सोनीपत बीजेपी के जिला अध्यक्ष बने थे।

जब साल 2021 आया तो बीजेपी के प्रदेश महामंत्री बनाए गए। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग चुनावों में पार्टी के लिए चुनाव प्रबंधन का दायित्व निभाया। अब 2024 लोकसभा चुनावों में पहले जिन्हें लोकसभा का टिकट दिया था वहीं अब प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है। लेकिन सवाल यही है कि क्या बीजेपी को इस ब्राह्मण कार्ड का कोई फायदा मिलेगा या नहीं। इस सवाल का सही जवाब तो चुनाव नतीजे ही दे पाएंगे लेकिन उससे पहले चुनावों से ठीक पहले जब जनता के बीच जाकर उनसे भी ये सवाल उठाया जाएगा तो जनता अपने मन की बात खोल कर रख सकती है। बहरहाल आपकी इस पर क्या राय है आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।