आम आदमी पार्टी ने अडानी मामले को लेकर मोदी सरकार को घेरा

आम आदमी पार्टी ने अडानी मामले को लेकर मोदी सरकार को घेरा
आम आदमी पार्टी ने अडानी मामले को लेकर मोदी सरकार को घेरा

चंडीगढ़, 12 फरवरी: आम आदमी पार्टी (आप) ने हिडेनबर्ग रिपोर्ट से उजागर हुए अडानी घोटालों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की और मोदी-अडानी घोटाले को आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया।

रविवार को चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय से प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश महासचिव व मंडी बोर्ड के अध्यक्ष हरचंद सिंह बरसट और प्रवक्ताओं नील गर्ग, डॉ सनी अहलूवालिया और शमिंदर खींडा ने मोदी सरकार के दौरान अडानी की संपत्ति में हुई वृद्धि पर सवाल उठाए और कहा कि भाजपा जनविरोधी और पूंजीवादी समर्थक पार्टी है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आम आदमी पार्टी के विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों ने चंडीगढ़ में बीजेपी कार्यालय के सामने धरना दिया और मोदी सरकार एवं अडानी के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें कीं और लाठीचार्ज किया, जिसमें कई महिलाओं सहित पार्टी के कई पदाधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस ने आवाज बुलंद कर रहे आम आदमी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर थाने ले गई।

'आप' नेताओं ने कहा कि भाजपा उनकी आवाज को दबा नहीं सकती और वे जनता की खातिर पूंजीपतियों की हिमायती सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।

पार्टी प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि मोदी-अडाणी घोटाला देश में आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है। मोदी सरकार से पहले 2014 में अडानी की संपत्ति 37,000 करोड़ थी। 2018 में 59,000 करोड़ हो गई। 2020 में संपत्ति बढ़कर ढाई लाख करोड़ हो गई और 2022 में यह 13 लाख करोड़ हो गई। मोदी सरकार की पूंजीवादी समर्थक नीतियों की बदौलत अडानी 2014 में 609वें स्थान से छलांग लगाकर 2022 में दुनिया का तीसरा सबसे अमीर व्यक्ति बन गया।

हरचंद सिंह बरसट ने अपने संबोधन में कहा कि जहां देश की अर्थव्यवस्था बदहाल है और आम जनता बेरोजगारी से जूझ रही है। वहीं एक व्यक्ति को सारे संसाधन देकर मोदी जी ने उसे दुनिया का दूसरा सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया। मोदी जी ने अडानी को देश का कोयला, गैस, बिजली, पानी, सड़क, सीमेंट, स्टील, एयरपोर्ट, बंदरगाह आदि दे दिए। मोदी सरकार की वजह से ही उन्हें बांग्लादेश और श्रीलंका में बिजली के ठेके मिले, ऑस्ट्रेलिया में खदानें मिलीं। ऑस्ट्रेलिया के निजी बैंक जब उन्हें कर्ज देने को तैयार नहीं हुए तो उन्होंने एसबीआई से 7.5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया. मोदी जी ने अडानी को 2.5 लाख करोड़ का कर्ज दिलवाया। जबकि पंजाब के किसानों पर कुल 96000 करोड़ का कर्ज है जिसके कारण किसान हर दिन आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने उन कर्जों को माफ नहीं किया।

अगर किसान को 2.5 लाख का कर्ज चाहिए होता है तो उसका जूता टूट जाएगा लेकिन कर्ज नहीं दिया जाएगा। लेकिन मोदी जी ने अडानी को 2.5 लाख करोड़ का कर्ज दिया और जब उनकी कंपनियां घाटे में चली गईं तो उन्होंने 84 हजार करोड़ रुपए माफ कर दिए।

उन्होंने आगे कहा कि जिन देशों में टैक्स छूट है, वहां अडानी ने 38 फर्जी कंपनियां खोलीं और उनकी कंपनी में हजारों करोड़ रुपए लगाए। जब उन्होंने इस पैसे को अपनी कंपनियों में निवेश किया, तो स्टॉक की कीमतें बढ़ गईं। कंपनियां वास्तव में लाभ में नहीं थीं। कंपनी के शेयर की कीमतें उसके मुनाफे के अनुरूप नहीं बढ़ रही थीं। बल्कि अडानी विदेशों से अपनी कंपनियों में जितना काला धन लगा रहा था, उसी हिसाब से शेयरों की कीमतें बढ़ रही थीं। भारत में इसके शेयर की कीमत अनियमित रूप से बढ़ रही थी। जब मूल्य में वृद्धि हुई तो उसके आधार पर उन्होंने एसबीआई, एलआईसी, पंजाब नेशनल बैंक आदि सभी बैंकों से ऋण लिया। वह यह सारा कर्ज नहीं चुका सका क्योंकि सारी कंपनियां घाटे में चल रही थीं।

उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि जब यह सब सामने आया तो मोदी सरकार भाग रही है। वह इस बात का जवाब नहीं दे रही हैं कि उन्होंने सिर्फ एक व्यक्ति को इतना फायदा क्यों पहुंचाया?

उन्होंने कहा कि इस देश के करोड़ों लोगों ने एलआईसी में अपना पैसा लगाया है। किसी ने अपनी बेटी की शादी के लिए पैसे रखे हैं। किसी ने वृद्धावस्था पेंशन के लिए पैसे बचाए हैं। घर में कोई बीमारी होने पर पैसा रखा जाता है। लोगों ने एसबीआई में पैसा इसलिए लगाया है क्योंकि वह पैसा मुसीबत में उनके काम आएगा। लेकिन आज एलआईसी और एसबीआई में करोड़ों लोगों के पैसे डूब रहे हैं। 8 दिन में एलआईसी के 65,400 करोड़ डूब गए। आम आदमी पार्टी जेपीसी से इसकी जांच की मांग करती है। अगर मोदी जी गलत नहीं हैं तो जांच से क्यों भाग रहे हैं?

उन्होंने कहा कि यह काला धन अडानी से बीजेपी को जाता है? बीजेपी उस पैसे को विधायकों के खरीद-फरोख्त में लगाती है। अडानी के खिलाफ न तो ईडी, न सीबीआई और न ही सेबी कोई कार्रवाई करती है। विरोधी पक्ष के खिलाफ कार्रवाई करनी हो तो सभी संस्थाएं सक्रिय हो जाती हैं। सबको जेल में डालना शुरू कर देते हैं। लेकिन जब इतना बड़ा घोटाला पकड़ा गया तो पता चला कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने अडानी के साथ मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला किया है, इसलिए सरकार और सरकारी संस्थाएं खामोश हैं।