आखिरकार देर रात सीएम तीरथ ने दिया पद से इस्तीफा, आज मिलेगा उत्तराखंड को 11 वां मुख्यमंत्री

आखिरकार देर रात सीएम तीरथ ने दिया पद से इस्तीफा, आज मिलेगा उत्तराखंड को 11 वां मुख्यमंत्री
आखिरकार देर रात सीएम तीरथ ने दिया पद से इस्तीफा, आज मिलेगा उत्तराखंड को 11 वां मुख्यमंत्री

देहरादून: तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देशों के बाद सीएम तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार देर रात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले दिल्ली में तीरथ ने सांविधानिक संकट का हवाला देते हुए खुद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में पद छोड़ने की इच्छा जताई थी। मुख्यमंत्री रावत को बुधवार को अचानक दिल्ली तलब किए जाने के बाद से ही सियासी कयासबाजी जोरों पर थी। बुधवार देर रात ही उनकी मुलाकात नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से हुई थी। बृहस्पतिवार को उन्हें देहरादून लौटने से रोक दिया गया था। मसला रावत के उपचुनाव को लेकर अटका हुआ था, जिनके आयोजन में जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम बचे होने की बाधा थी।
शुक्रवार को रावत दोबारा नड्डा से मिले। इस आधे घंटे की मुलाकात में उन्हें सांविधानिक संकट का हवाला देते हुए इस्तीफा देने का निर्देश दिया गया। इसके बाद तीरथ रावत ने नड्डा को पत्र लिख कर इस्तीफे का प्रस्ताव रखा। फिर दून लौटे तीरथ सिंह रावत ने प्रेस वार्ता की, लेकिन उसमें महज अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाकर चले गए। मीडियाकर्मियों के इस्तीफे के बारे में पूछने पर उन्होंने चुप्पी साध ली। फिर रात करीब सवा ग्यारह बजे वो राजभवन पहुंचे और राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संकट को देखते हुए मुझे लगा कि मेरे लिए इस्तीफा देना सही है। मैं केंद्रीय नेतृत्व और पीएम मोदी का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे सीएम बनने का मौका दिया था। 
विधायक दल की बैठक आज केंद्रीय मंत्री तोमर रहेंगे पर्यवेक्षक
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि शनिवार दोपहर तीन बजे प्रदेश पार्टी कार्यालय में भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक होगी। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र्र सिंह तोमर बतौर पर्यवेक्षक मौजूद रहेंगे। विधायक दल से ही नेता चुने जाने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के आंतरिक सर्वे में पाया गया कि तीरथ के चेहरे के सहारे चुनाव जीतना मुश्किल है। यह डर भी था कि अगर तीरथ उपचुनाव में हार गए तो बड़ा नुकसान होगा।